नयी दिल्ली : हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा ने एक सीबीआई अधिकारी के जाली हस्ताक्षर कर यह दावा किया था कि उनके खिलाफ नौसेना युद्ध कक्ष से सूचना लीक करने का मामला बंद किया जा रहा है.
अमेरिका स्थित वकील सी एडमंड एलेन ने अमेरिकी जांचकर्ताओं के समक्ष दिये गये अपने बयान में यह आरोप लगाया है. सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि यह बयान वर्मा के अलग हुए व्यापार सहयोगी की तरफ से दिया गया.
एजेंसी को यह बयान उसके द्वारा हाल में भेजे गये न्यायिक अनुरोध में मिला है. इसमें यह आरोप लगाया गया है कि वर्मा ने इस पत्र का इस्तेमाल अपने बैंक खातों पर लगी रोक हटवाने के प्रयास के तहत किया था.
सीबीआई द्वारा भेजे गये न्यायिक अनुरोध के जवाब के लिए अमेरिकी जांचकर्ताओं के समक्ष दिये अपने बयान में कहा कि वर्मा ने पत्र में सीबीआई अधिकारी के जाली हस्ताक्षर किये.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई द्वारा भेजे गये न्यायिक अनुरोध पत्र का जवाब एजेंसी के लिहाज से एक मददगार बात साबित हो सकती है. वह वर्मा के खिलाफ कथित जालसाजी के अपने मामले को आगे बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती है.
एजेंसी ने अमेरिका और स्विटजरलैंड को अनुरोध पत्र भेजा था. यह अनुरोध पत्र वर्मा के खिलाफ इन आरोपों की एजेंसी द्वारा की जा रही जांच के सिलसिले में की जा रही है कि रेहिनमेटल एयर डिफेंस ने वर्मा को 5.30 लाख अमेरिकी डालर का भुगतान किया था ताकि रक्षा मंत्रालय द्वारा कंपनी के खिलाफ काली सूची में डालने की कार्यवाही पर रोक लगवायी जा सके.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इस धन को एलन के नेतृत्व वाली गेंटन के खाते के जरिये भेजा गया.
सूत्रों ने बताया कि अनुरोध में अमेरिका से कहा गया कि वह एलन का बयान मुहैया कराये. एलन ऐसे दस्तावेज और सूचनाओं को अनौपचारिक रुप से साझा करने के लिए सीबीआई को सहयोग देने को तैयार है ताकि एजेंसी को उसके मामले में मदद मिल सके.