नयी दिल्ली : भारत के नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मई को शपथ लेने वाले हैं. इससे पहले उनके मंत्रिपरिषद और मोदी की कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चा गरम है. सूत्रों की मानें तो पीएमओ के पास बड़ी जिम्मेदारी होगी. पीएमओ में शामिल होने वाले बड़े नौकरशाहों को अहम जिम्मेदारी दी जायेगी.संभव है कि वे बुलेट ट्रेन की योजना सहित दूसरे फ्लैगशिप प्रॉजेक्ट्स और अहम सेक्टर्स पर सीधी नजर रखेंगे.
मनमोहन सरकार ने लाखों करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट्स की राह रोकने वाली लालफीताशाही से जुड़ी बाधाएं दूर करने के लिए जनवरी 2013 में कैबिनेट कमेटी ऑन इनवेस्टमेंट्स (सीसीआई) का गठन किया था. हालांकि, वह सरकार मंजूरी में देर की वजहें दूर करने के कदम नहीं उठा सकी.
पीएमओ में महत्वपूर्ण देशों को ध्यान में रखते हुए सीनियर नौकरशाहों की तैनाती भी हो सकती है ताकि आर्थिक कूटनीति को कई देशों से भारत के रिश्तों के साथ गूंथा जा सके. बताया जा रहा है कि मोदी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं. बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र-राज्य संबंधों पर जोर दिया था और माना जा रहा है कि नयी सरकार के लिए यह अहम मुद्दा बना रहेगा. वहीं, जीएसटी पर भी सरकार तेजी से कदम उठा सकती है.