इंदौर : आतंकी वारदातों के आरोपी सिमी कार्यकर्ताओं की भोपाल स्थित अदालत परिसर में 17 मई को नरेंद्र मोदी के खिलाफ भडकाऊ नारेबाजी को प्रचार पाने का हथकंडा करार देते हुए मध्यप्रदेश पुलिस ने आज कहा कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के संबंध में राज्य सरकार को पहले ही प्रस्ताव भेज चुकी है.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नंदन दुबे ने यहां रुस्तमजी सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (आरएपीटीसी) में एक दीक्षांत परेड समारोह में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, वे (सिमी कार्यकर्ता) जब भी पेशी के दौरान अदालत परिसर में मीडिया के कैमरों को देखते हैं, तो चिल्लाने लगते हैं. उनकी इस हरकत का मूल उद्देश्य मीडिया कवरेज हासिल करके प्रचार पाने का होता है. वे दो बार इस तरह की कोशिश कर चुके हैं.
डीजीपी ने बताया कि सिमी कार्यकर्ताओं की भडकाऊ नारेबाजी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिये पुलिस की ओर से प्रदेश सरकार को पहले ही प्रस्ताव भेजा जा चुका है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि या तो सिमी कार्यकर्ताओं की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये जेल से करायी जायी या जेल में ही अदालत कक्ष बनाने की मंजूरी देकर कर इनसे संबंधित मामलों की सुनवाई करायी जाये.
उन्होंने बताया कि भोपाल स्थित अदालत परिसर में 17 मई को भडकाऊ नारेबाजी पर कुख्यात सिमी कार्यकर्ता अबू फैजल और प्रतिबंधित संगठन के अन्य गुर्गों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है. इस प्रकरण में उचित प्रक्रिया जारी है.