नयी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) को सरकार ने भंग कर दिया है और विश्वविद्यालय से मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षण प्रणाली (ओडीएल) के तहत अगले आदेश तक किसी नये केंद्र को मंजूरी नहीं देने को कहा है.
इग्नू के कुलपति प्रो एम असलम ने कहा, सरकार ने इस आशय की व्यवस्था की है और इग्नू ने इसे अधिसूचित कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था है जो प्रो माधव मेनन समिति की सिफारिशों के आधार पर की गयी है.
प्रो. असलम ने कहा, माधव मेनन समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि विश्वविद्यालय को स्वयं नियामक निकाय नहीं बनना चाहिए. डीईसी नियामक निकाय है. इसलिए उसे स्वायत्त निकाय का स्थान प्रदान किया जा रहा है. इग्नू के कुलपति ने कहा, नयी व्यवस्था (डीईसी को भंग करने) से इग्नू पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाले शीर्ष विश्वविद्यालय के रुप में इग्नू बना रहेगा.
बहरहाल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक अधिकारी ने कहा कि अगली व्यवस्था तक यूजीसी दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों का नियमन करेगी. यूजीसी मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा प्रणाली (ओडीएल) कोर्स और पाठ्यक्रमों के मानक को उच्च कोटि का बनाये रखने के लिए उपयुक्त नियमन तैयार करने पर काम कर रही है.