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गंठबंधन सरकारों का वह दौर

भारत में गठबंधन सरकारें अब एक प्रवृति के तौर पर स्थापित सच्चई बन गयी है. आजादी के बाद पहली बार 1967 में गठबंधन सरकारों का प्रयोग शुरू हुआ था. बिहार समेत कई राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी. 1977 में कांग्रेस के खिलाफ समाजवादी और दक्षिणपंथी राजनीति एक मंच पर आ गयी तो 1989 […]

भारत में गठबंधन सरकारें अब एक प्रवृति के तौर पर स्थापित सच्चई बन गयी है. आजादी के बाद पहली बार 1967 में गठबंधन सरकारों का प्रयोग शुरू हुआ था. बिहार समेत कई राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी. 1977 में कांग्रेस के खिलाफ समाजवादी और दक्षिणपंथी राजनीति एक मंच पर आ गयी तो 1989 में कम्युनिस्ट पार्टियां भी गैर कांग्रेसी मोरचे में शामिल हो गयीं. 1996 के बाद से दिल्ली में कांग्रेस या भाजपा को कई दलों का साथ लेकर ही सरकार बनाने में कामयाब मिली. भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में गठबंधन की राजनीति हकीकत बन गयी है. इंग्लैंड में पहली गठबंधन की सरकार 1931 में ही बनी थी. उससे भी पहले 1929 में डेनमार्क में गठंबधन की सरकार बनी थी.

इंग्लैंड

इंग्लैंड या युनाइटेड किंगडम में गठबंधन सरकार का इतिहास पुराना है. सबसे पहली गठबंधन सरकार 1931 में बनी जिसे नेशनल गवर्मेट भी कहा गया. यह सरकार 1940 तक चली. दोनों विश्व युद्धों के समय बहुदलीय सरकारें थीं. इंग्लैंड में जब भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तब अल्पसंख्यक सरकार का गठन होता है और एक या उससे ज्यादा विरोधी पार्टियां सरकार चलाने के लिए समर्थन देती हैं. 1977 में लेबर पार्टी के जेम्स कैलिडीन ने लिबरल पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. 1997 में के चुनाव में भी लेबर पार्टी के नेता टोनी ब्लेयर लिबरल पार्टी के साथ चुनाव बाद सरकार बनाने की तैयारी में थे लेकिन चुनाव में लेबर पार्टी को जबरदस्त बहुमत मिला. 2010 के चुनाव में इंग्लैंड में किसी को बहुमत नहीं मिला. कंजरवेटिव पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें आई थीं. कंजरवेटिव नेता डेविड कैमरून ने लिबरल डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर सरकार बनायी. इससे इंग्लैंड में लगातार 13 वर्ष के लेबर पार्टी के शासन का अंत हो गया.

जर्मनी

जर्मनी में बिना गठबंधन के सरकार बनाना असंभव है. तीनों बड़ी पार्टयिों क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक युनियन ऑफ जर्मनी, क्रिश्चियन सोशल युनियन ऑफ बभारिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जर्मनी के लिए अकेले सरकार बनाना लगभग असंभव है. सरकार बनाने के लिए छोटी पार्टयिों में से किसी एक का सहयोग लेना जरूरी हो जाता है. जैसे क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक युनियन ऑफ जर्मनी के हेलमुट कॉल ने वर्षो तक फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी के सहयोग से सरकार चलायी. इसी तरह 1998 से 2005 तक सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जर्मनी के गेरहार्ड श्रोडर ने ग्रींस के साथ और 2009 से क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक की एंजेला मर्केल फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार को चलाया. जर्मनी में दो पार्टी से ज्यादा का गठबंधन बहुत कम देखने को मिलता है.

डेनमार्क

डेनमार्क में 1982 के बाद से सभी सरकारें गठबंधन की बदौलत ही बनीं. यहां पहली गठबंधन सरकार 1929 में थोरवल्ड स्टॉनिग के नेतृत्व में बनी थी. उस समय सोशल डेमोक्रेट्स और सोशल लिबरल पार्टी ने मिलकार सरकार बनाई थी. इस मसय भी डेनमार्क में सोशल डेमोक्रेट्स और सोशल लिबरल पार्टी की गठबंधन की सरकार ही है.

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया में सुहार्तो को सत्ता से बेदखल करने के बाद से राजनीतिक दलों की संख्या तेजी से बढ़ी थी. सुहार्तो के समय सिर्फ तीन राजनीतिक पार्टयिां थीं. सत्ता से उनको बेदखल करने के बाद 1999 के चुनाव में 48 राजनीतिक पार्टयिों ने हिस्सा लिया. 2004 के चुनाव में 24 पार्टियों और 2009 के चुनाव में 38 पार्टयिों ने हिस्सा लिया. इन चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था और गठबंधन सरकार ही बनी थी. इस समय इंडोनेशिया में पांच पार्टियों की गठबंधन की ही सरकार है.

फ्रांस

यूरोपीय देश फ्रांस में गठबंधन की सरकारों का इतिहास पुराना रहा है. 1997 के चुनाव में समाजवादियों और वामपंथियों को फ्रांस में बहुमत मिला. नेशनल एसेंबली में बहुमत के लिए 289 सीटें चाहिए. सोशलिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 319 सीटें मिलीं. राष्ट्रपति जैक शिराक ने सोशलिस्ट पार्टी के नेता लियोनेल जोस्पिन को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलायी. जोस्पिन ने सभी वामपंथी और समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों को मिलाकर एक प्लूरल लेफ्ट सरकार बनाई जिसमें फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी, ग्रींस पार्टी, लेफ्ट रेडिकल पार्टी और सिटिजन मूवमेंट जैसी पार्टियां शामिल थीं.

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