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जब मोदी खुद चलाने लगे गाड़ी तो ठहर सा गया बनारस

वाराणसी : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपनी संकरी गलियों के लिए पहचाने जाने वाले मंदिरों के इस शहर में अप्रत्याशित रुप से खुद वाहन चलाया. मोदी ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव अधिकारियों के साथ गतिरोध के बाद वाहन चलाया. नजदीकी रोहनिया में एक रैली को संबोधित करने के बाद मोदी […]

वाराणसी : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपनी संकरी गलियों के लिए पहचाने जाने वाले मंदिरों के इस शहर में अप्रत्याशित रुप से खुद वाहन चलाया. मोदी ने स्थानीय प्रशासन और चुनाव अधिकारियों के साथ गतिरोध के बाद वाहन चलाया. नजदीकी रोहनिया में एक रैली को संबोधित करने के बाद मोदी एक हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हेलिपैड पर उतरे.

उसके बाद वह शहर के केंद्र में स्थित सिगरा इलाके में पार्टी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय की दिशा में वाहन चलाते हुए आगे बढे. आम तौर पर वाराणसी में धीमा यातायात होने के बावजूद इतनी दूरी तय करने में आधा घंटे से कम समय लगता है लेकिन उनकी यात्र पांच घंटे से अधिक समय तक जारी रही क्योंकि उनके समर्थकों की भारी भीड सडकों पर जुट गई. इससे उनके वाहनों का काफिला और समूचा मार्ग ठहर गया. यह मोदी का अंतिम कार्यक्रम हो सकता है. इसमें हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करने से पहले उनका कुछ समय के लिए चुनाव कार्यालय में ठहरना भी शामिल है. वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है और वहां चुनाव प्रचार 10 मई को समाप्त होगा.

मोदी की यात्रा के दौरान आज फिर से उनके समर्थकों ने रैली स्थल, उनकी यात्र के मार्ग के दौरान और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के दौरान ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी’ का विवादास्पद नारा लगाया. मोदी ने इससे पहले अपने समर्थकों से ‘हर हर मोदी’ का नारा नहीं लगाने का अनुरोध किया था. यह नारा ‘‘हर हर महादेव’’ से प्रेरित है. वाराणसी में आम तौर पर ‘‘हर हर महादेव’’ का इस्तेमाल अभिवादन और भगवान शिव की प्रार्थना में किया जाता है. इससे पहले, रोहनिया में मोदी ने कहा कि वह काशी क्षेत्र में और रैलियां करना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई. मोदी ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग को आत्ममंथन करना चाहिए. मैं नहीं जानता कि वह किसके दबाव में काम कर रहा है. मेरा भाषण उतना महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि लोगों को मेरे मौन के जरिए भी मेरा संदेश मिल जाएगा.’’उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी सुरक्षा के बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. क्या मुझे वो अधिकार नहीं मिलने चाहिए जिसके दूसरे उम्मीदवार हकदार हैं. मुङो मां गंगा से भी मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.’’ उन्होंने वादा किया कि वह गंगा पूजन के लिए शीघ्र वापस आएंगे. उन्होंने लोगों से सुनिश्चित करने को कहा कि केंद्र में एक मजबूत सरकार आए और ‘‘मां-बेटे के ऑक्सीजन’ या कोई ‘रिमोट कंट्रोल’ वाली सरकार नहीं आए.

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