23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”हिंदू उत्तराधिकारी कानून के तहत धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति का उत्तराधिकार नहीं होता खत्‍म”

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि कोई हिंदू महिला या पुरुष अगर दूसरा धर्म अपना लेते हैं तो हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत अभिभावकों की संपत्ति में उनका उत्तराधिकार खत्म नहीं हो जाता है. न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने महानगर निवासी नाजनीन कुरैशी के पक्ष में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति […]

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि कोई हिंदू महिला या पुरुष अगर दूसरा धर्म अपना लेते हैं तो हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत अभिभावकों की संपत्ति में उनका उत्तराधिकार खत्म नहीं हो जाता है. न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने महानगर निवासी नाजनीन कुरैशी के पक्ष में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

न्यायमूर्ति भाटकर ने कहा, ‘उत्तराधिकार पसंद से नहीं होता बल्कि यह जन्म से होता है और कुछ मामलों में विवाह से भी उत्तराधिकार हासिल किया जाता है. इसलिए किसी धर्म को छोड़कर धर्म परिवर्तन करना अपनी पसंद की बात है और इससे स्थापित संबंध खत्म नहीं हो जाते बल्कि वे जन्म से अस्तित्व में होते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए कोई भी हिंदू धर्म परिवर्तित व्यक्ति अपने पिता की संपत्ति का अधिकारी है, अगर वसीयतनामा लिखे बगैर ही पिता की मृत्यु हो गयी है.’ कुरैशी का जन्म हिंदू माता-पिता से हुआ और उसने 1979 में मुस्लिम धर्म अपनाकर एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली. उसके पिता की मौत के बाद उसने अपनी पांच बहनों और एक भाई के साथ एक फ्लैट और जूते की दुकान पर बराबर की दावेदारी की.

उसके भाई ने दावे को चुनौती देते हुए कहा कि चूंकि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है इसलिए उसे हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत अयोग्य करार दिया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें