नयी दिल्ली: नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव आयोग पर लगातार किए जा रहे हमलों की आज कांग्रेस और जदयू ने कडी निंदा की. दोनों दलों ने आयोग के खिलाफ किए जा रहे मोदी के हमलों को ‘‘घृणित एवं अनुचित’’ करार दिया और कहा कि यह उनकी ‘‘हताशा’’ का संकेत है.
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी ने आज चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए हमला बोला और आरोप लगाया कि आयोग ‘‘निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा’’. कांग्रेस नेता एवं वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भाजपा थोडी हताश हो रही है. इसलिए वह चुनाव आयोग पर ऐसे घृणित हमले कर रही है. चुनाव आयोग ने उनके अन्य कार्यक्रमों को अनुमति दे दी तो वे सिर्फ एक कार्यक्रम की इजाजत न मिलने पर हंगामा क्यों कर रहे हैं.’’
मोदी पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा कि जब किसी पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार ‘‘चुनाव आयोग के खिलाफ घृणित टिप्पणी करे तो चुनाव आयोग से ज्यादा उसके चरित्र के बारे में पता चलता है.’’चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि इससे चुनाव आयोग की ताकत कम होती है बल्कि इससे उस शख्स के चरित्र का पता चलता है जो आरोप लगा रहा है.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग की ताकत चुनावों के नतीजे, मतदान में लोगों की हिस्सेदारी, हिंसा होने या न होने जैसी चीजों से मापी जानी चाहिए न कि किसी व्यक्ति द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के आधार पर.
अब तक कराए गए लोकसभा चुनाव कमोबेश शांतिपूर्ण रहने की बात कहते हुए चिदंबरम ने कहा कि चुनाव आयोग ने ‘‘जबर्दस्त काम किया है, अच्छा काम किया है.’’चिदंबरम ने यह भी कहा कि नियम-कायदों के कुछ पहलू हैं जिनसे लोग असहमत हो सकते हैं पर कुल मिलाकर चुनाव आयोग ने जबर्दस्त काम किया है. कांग्रेस नेता ने ऐसे समय में यह टिप्पणियां की हैं जब भाजपा ने वाराणसी में मोदी की एक रैली की इजाजत न देने पर चुनाव आयोग पर हमले बोले हैं.
जदयू ने भी यह कहते हुए भाजपा और मोदी पर निशाना साधा कि यदि राजनीतिक फायदे के लिए चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को चुनावी मुद्दा बनाया गया तो देश का चलना मुश्किल हो जाएगा. जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन करना ठीक है पर इसे चुनावी मुद्दा बनाना और धरने पर बैठ जाना सही नहीं है. इसे सही नहीं ठहराया जा सकता. यदि कोई उच्चतम न्यायालय के खिलाफ धरने पर बैठ जाए तो भला देश कैसे चलेगा. चुनाव आयोग भी उसी तरह की संस्था है.’’ यादव ने कहा कि वाराणसी में जनसभाएं आयोजित करने की अनुमति उन्हें भी नहीं दी गई पर उन्होंने साफ कर दिया कि वह विरोध रुवरुप धरना नहीं करेंगे बल्कि छोटे-छोटे कमरों और भवनों में बैठकें करेंगे.
जदयू नेता ने खुद को पिछडे वर्ग का बताने पर मोदी को आडे हाथ लिया और कहा कि उन्होंने चुनावों से पहले इसके बारे में कभी ‘‘एक भी लाइन’’ नहीं कहा था. यादव ने कहा, ‘‘इस बार मोदी कह रहे हैं कि वह एक छोटी जाति से हैं. इस चुनाव से पहले तो उन्होंने पिछडे वर्गों के लिए एक शब्द या एक लाइन भी नहीं बोली.’’ ‘‘नीच राजनीति’’ वाले प्रियंका गांधी के बयान का बचाव करते हुए यादव ने कहा कि उनका हिंदी शब्दकोष हो सकता है उतना अच्छा नहीं हो क्योंकि उन्होंने पब्लिक स्कूल में पढाई की है और ‘‘नीच’’ शब्द के कई विकल्प हो सकते थे. बहरहाल, यादव ने कहा कि भाजपा और मोदी ने इस मुद्दे पर जिस तरह से टिप्पणी की उससे उनकी ‘‘स्तरहीन बहस’’ का पता चलता है. किसी तरह की ‘‘लहर’’ होने के दावे को खारिज करते हुए यादव ने कहा कि इस चुनाव में बडे पैमाने पर झूठ फैलाया गया है जो पहले किसी चुनाव में नहीं हुआ था.