अमृतसर/चंडीगढ़ : भारत की एक सप्ताह की यात्रा पर आये कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू ने बुधवार को यह साफ कर दिया है कि उनका देश किसी अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं करता है. जस्टिन त्रुदृ को लेकर यह कहा जा रहा है कि कनाडा में सिख अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का समर्थन किया जाता है. मीडिया की खबरों में आैर सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कनाडा में जस्टिन त्रुदू की सरकार में तीन खालिस्तान समर्थक नेताआें को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. इसीलिए भारत में एक सप्ताह की यात्रा पर आने के बाद उनका जोरदार स्वागत नहीं किया जा रहा है.
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बुधवार को पंजाब की यात्रा के दौरान अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू ने यहां के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनका देश किसी भी तरह के अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं करता है. पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि त्रिदू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का यह आश्वासन भी दिया है कि वे अलगाववाद को समाप्त करने आैर आपराधिक तत्वों के द्वारा आपराधिक वारदातों को कम करने आैर कनाडा में रहने वाले अल्पसंख्यकों को संवैधानिक दर्जा दिलाने में सहयाेग करेंगे.
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रविन ठुकराल ने इस बात का खुलासा किया कि क्यूबेक में अलगाववादी आंदोलन के बारे में त्रुदू ने कहा कि इस आंदोलन में हिंसक झड़पों के दौरान उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी, फिर भी उन्होंने यथासंभव वह हर कदम उठाये, जिससे आंदोलन को शांत किया जा सके.
करीब 40 मिनट की मुलाकात के दौरान इन दोनों नेताआें के बीच इस बात की सहमति बनी है कि कनाडा में बैठे अलगाववादियों की आेर से पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के लिए भेजी जा रही हथियारों की खेप पर रोक लगाने में कनाडा की सरकार की आेर से कदम उठाये जायेंगे. इस मुलाकात के दौरान कनाडा के रक्षा मंत्री आैर हरजीत सज्जन आैर पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे.