नयी दिल्ली: लोकसभा के अंतिम दो चरणों में कल और 12 मई को होने वाले मतदान के दौरान यदि कोई चुनावी गडबडी पायी जाती है तो चुनाव अधिकारी किसी औपचारिक शिकायत की प्रतीक्षा किये बिना स्वत: स्फूर्त तरीके से काम करेंगे और केंद्रीय बलों के इस्तेमाल के अधिकारों का प्रयोग करेंगे.
चुनाव आयोग ने आज जो अतिरिक्त उपायों की घोषणा की उनमें यह कदम शामिल हैं. चुनाव आयोग के अतिरिक्त कदम पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं बिहार सहित कुछ राज्यों में बडे स्तर पर धांधली एवं बूथ पर कब्जा जमाने तथा चुनाव अधिकारियों के मौके पर त्वरित प्रतिक्रिया करने में विफल रहने के आरोपों की पृष्ठभूमि में घोषित किये गये हैं.
उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने चुनाव तैयारियों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि वे किसी भी ‘‘अप्रिय घटना’’ को रोकने के लिए मतदान केंद्रों पर तैनात केंद्रीय बलों का इस्तेमाल चुनाव कानूनों के तहत कर सकते हैं.
आयोग ने 10 मतदान केंद्रों के प्रभार वाले सेक्टर मजिस्ट्रेट के अलावा संवेदनशील बूथें पर मजिस्ट्रेट तैनात करने का भी निर्णय किया है ताकि शिकायतों पर फौरी प्रतिक्रिया की जा सके. आयोग ने कहा कि सुरक्षा उपाय बढाने का निर्णय बडे स्तर पर मिल रही शिकायतों और राजनीतिक दलों के सुझावों को देखते हुए किया गया है.
उप चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने चुनाव तैयारियों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम अनुभव से सीख रहे हैं. हम आलोचना को स्वथ्य तरीके से ले रहे हैं..यह एक सतत प्रक्रिया है.’’ सात राज्यों की 64 सीटों पर कल मतदान होगा जबकि तीन राज्यों की 41 सीटों पर नौवें एवं अंतिम चरण में 12 मई को मतदान होगा.
जुत्शी ने कहा कि बूथ स्तर अधिकारियों से अब कहा गया है कि वह मतदान केंद्रों पर होने वाली घटनाओं पर नजर रखें और किसी भी अप्रिय घटना की पर्यवेक्षक या सेक्टर मजिस्ट्रेट को जानकारी दे.