मुंबई: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि देश के आर्थिक विकास एवं लोगों के सामाजिक कल्याण में सरकार के प्रयास में निजी क्षेत्र को भी शामिल होना चाहिए.
राष्ट्रपति ने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘सरकार के विकास एवं सामाजिक गतिविधियों के प्रयास में कारपोरेट सेक्टर को भी सहयोग करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि हमारा प्रमुख लक्ष्य देश की नैतिक एवं सामाजिक परंपरा को पुनर्बहाल करना होना चाहिए.प्रणब ने कहा, ‘‘देश की छवि खराब कर या समाज के नैतिक ताने..बाने को कमजोर कर हमारे देश की प्रगति को बाधित नहीं करना चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लगता है कि हम सही और गलत, अच्छा और बुरे का भेद खोते जा रहे हैं.’’ मुखर्जी स्वामी विवेकानंद के विश्व धर्म संसद (1893) में हिस्सा लेने के लिए मुंबई से शिकागो की ऐतिहासिक यात्र की 120वीं वर्षगांठ के मौके पर मुंबई विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे.
मुखर्जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आधुनिक भारत के विचार में सामाजिक सुधार एक महत्वपूर्ण कारक था. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में हमारे देश के कुछ महान सामाजिक सुधारकों का जन्म हुआ. भले ही हमारे समाज के इन नेताओं के रास्ते अलग..अलग रहे हों लेकिन उनके लक्ष्य निश्चित रुप से एक थे.’’