नयी दिल्ली : भारत में ऐतिहासिक इंडो-आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंच चुके हैं. इस सम्मेलन में भाग लेने ब्रुनेइ के सुल्तान हसनल बोल्कियाह भी भारत पहुंच गये हैं. ब्रुनेइ के सुल्तान का भारत पहुंचना इसलिए भी सुर्खियों में है, क्योंकि वे अपना प्लेन खुद उड़ाकर भारत पहुंचे हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि सुल्तान ने 4700 किलोमीटर तक खुद प्लेन उड़ाया और ब्रुनेइ से भारत पहुंचे. ब्रुनेइ के सुल्तान दुनिया के सबसे रईस लोगों में एक हैं. गणतंत्र दिवस कार्यक्रम और इंडो आसियान समिट में हिस्सा लेने पहुंचे ब्रूनेइ के सुल्तान का प्लेन जब दिल्ली में उतरा तो लोग हैरान रह गये. इसकी वजह थी, सुल्तान का खुद जहाज उड़ाकर यहां पहुंचना.
ब्रुनेइ से दिल्ली की दूरी करीब 4700 किलोमीटर है. महारानी एलिजाबेथ (द्वितीय) के बाद ब्रुनेइ के सुल्तान दुनिया की किसी भी राजशाही में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले शख्स हैं. 71 वर्षीय सुल्तान को जहाज उड़ाने का शौक है. वे अपनी जंबो जेट से दिल्ली पहुंचे हैं. जहाज उड़ाने के अलावा सुल्तान के कुछ और भी शाही शौक हैं.
सुल्तान को महंगी कार खरीदने और उनका कलेक्शन रखने का भी शौक है. कुछ साल पहले तक ब्रुनेइ के सुल्तान के पास दुनिया में सबसे ज्यादा लग्जरी गाड़ियों का कलेक्शन था. अपनी शाही और आलीशान गाड़ियों को रखने के लिए सुल्तान के महल में एक अंडरग्राउंड गैरेज है, जिसमें उनकी 100 से अधिक गाड़ियां हैं.
वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक, म्यामां की नेता आंग सान सू ची तथा सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग सहित नौ आसियान नेता भारत आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. नौ आसियान नेता राजधानी में इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले यहां पहुंचे हैं. केवल इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जोको विडोडो आज यहां पहुंचेंगे.
एक अभूतपूर्व कदम के तहत इस आयोजन में भाग लेने वाले 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि भी होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कई ट्वीट के जरिये आसियान नेताओं के पहुंचने की जानकारी दी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘आसियान- भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक और उनकी पत्नी सुश्री त्रान न्ग्यूयेन थू का स्वागत करता है. मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने उनकी अगवानी की.’