नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष पद से आज सोनिया गांधी रिटायर हो गयीं, लेकिन जाते-जाते भी उन्होंने संघ और भाजपा पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपने विदाई भाषण मेंसोनिया गांधी ने बिना नाम लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं पर अपनी राजनीतिक शैली के अनुरूप बेहद तीखा हमला बोला और भारत की गौरवाशाली परंपरा और देश में अपने परिवार व अपनी सास इंदिरा गांधी के योगदानों का उल्लेख किया. सोनिया गांधी ने कहा कि आज चुनौतियों से भरा समय है, क्योंकि आज हमारे संवैधानिक मूल्य खतरे में हैं. उन पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से हम विपक्ष की भूमिका में हैं. आज हमारी पार्टी कई चुनाव हार चुकी है. हम आज जिस स्थिति में हैं, पहले कभी नहीं थे. लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं. उन्होंने कहा हम झुकने वाले नहीं हैं, हमारा संघर्ष इस देश की रुह के लिए संघर्ष है. हम इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे.
सोनिया गांधी ने अपने विदाई भाषण में कहा किवे राजनीति से खुद को दूर रखना चाहती थीं, लेकिनउन्होंने देखा कि देश में सांप्रदायिक ताकतें बढ़ रही हैं, तो महसूस किया कि अगर आज सामने नहीं आयी, तो यह इंदिरा जी और राजीव जी की इच्छाओं का अनादर होगा. उनका बलिदान व्यर्थ होगा, सोनिया गांधी ने कहा कि इसलिएवे सामने आयीं और बुरे दौर में कांग्रेस पार्टी को संभाला. जिस वक्त मैं पार्टी की कमान संभाल रही थी, उस वक्त मैं डरी हुई थी मेरे हाथ कांप रहे थे.सोनिया गांधी ने कहा कि उन्हें याद है कि जब पार्टी की कमान संभाली थी उस समय तीन राज्यों में हमारी सरकार थी.
सोनिया गांधी ने नये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि वह मेरा बेटा है इसलिए मैं उसकी तारीफ नहीं करूंगी, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि राजनीति में आने पर राहुल गांधी ने ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया, जिसने उसे और निडर इंसान बनाया.
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