चेन्नई : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की सजा माफ करने के मुद्दे को उच्चतम न्यायालय द्वारा संवैधानिक पीठ को भेजने के निर्णय से दोषियों के परिवार के सदस्यों को निराशा हुई है. वे अपने पक्ष में फैसले का इंतजार कर रहे थे. जी पेरारिवलन की मां अर्पुथम्मल की प्रतिक्रिया थी, मैं क्या कहूं नहीं जानती. वह अपने बेटे को जेल के बाहर देखने के लिए लंबी कानूनी लडाई लड़ रही हैं.
उन्होंने कहा, मैं उत्सुकता से फैसले का इंतजार कर रही थी. मैंने सोचा था कि मैं आप लोगों (मीडिया) से खुशी से मिलूंगी. हम 23 साल लड़ाई लड़ चुके है. उन्होंने कहा, मैं नहीं जानती कि मुझे और कबतक सहन करना है. डीएमके नेता सेल्वागणपति ने कहा, इसे मामले में कोई संवैधानिक मसला शामिल नहीं था फिर भी इसे क्यों संवैधानिक पीठ को भेजा गया, इसकी वजह मुझे समझ नहीं आती. उच्चतम न्यायालय को अपना फैसला देना चाहिए था. यह मामला अलग है. कानून सबके लिए बराबर है. पेरारिवलन के रिश्तेदार पी लीला ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय से बहुत निराश हैं.
उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी की हत्या करने के सात दोषियों की उम्र कैद की सजा को माफ करने के मामले को संवैधानिक पीठ को भेज दिया है और कहा है कि उनको रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर अंतरिम स्थगन आदेश जारी रहेगा.
गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने बीती 19 फरवरी को राजीव गांधी के हत्या के दोषियों को रिहा करने के फैसले की घोषणा की थी. इसे केंद्र सरकार द्वारा अगले ही दिन उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी और न्यायालय ने उनकी रिहाई पर स्थगन लगा दिया था.