नयी दिल्ली : नरेन्द्र मोदी ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात के लिए कोई दूत भेजने से आज इनकार किया. उन्होंने इस बारे में मीडिया खबरों पर हैरत जतायी.मोदी ने एबीपी न्यूज पर कहा, ‘‘मैं आश्चर्यचकित हूं. ये (खबर) कहां से आयी. मुझे तो उनके नाम तक नहीं पता. अब ऐसा लगता है कि संबद्ध व्यक्तियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे मेरे प्रतिनिधि नहीं हैं.’’
मोदी से सवाल किया गया था कि क्या उन्होंने कश्मीरी अलगाववादियों से बातचीत की कोई पहल की है क्योंकि गिलानी ने हाल ही में दावा किया है कि उनकी (मोदी की) ओर से दो व्यक्तियों ने उनसे (गिलानी) मुलाकात की है. पाकिस्तान के बारे में उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री बनने पर वह कडी नीति अपनाएंगे क्योंकि वह संप्रग सरकार पर कमजोर होने का आरोप लगाते आये हैं.
जवाब में मोदी ने कहा कि हम देश को इस ढंग से चलाना चाहते हैं कि कोई हमें आंख दिखाने की हिम्मत न कर पाये. हम भी किसी को आंख नहीं दिखाएं. बातचीत आंख दिखाकर नही आंख मिला कर होनी चाहिए. जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री बनने पर क्या वह अमेरिका जाएंगे क्योंकि उन्हें अब तक वीजा नहीं दिया गया तो मोदी बोले, ‘‘यह निहितार्थ भरा सवाल है. देश की जनता ने मुझे देश का काम करने के लिए चुना है.
जब राहुल गांधी के इस आरोप का जिक्र किया गया कि गुजरात में मोदी की सरकार अडानी और अंबानी चलाते हैं और केंद्र में भी यही होगा, मोदी ने इसे राजनीतिक आरोप करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रुप में मेरा 14 साल का प्रदर्शन बोलेगा. उन्होंने कहा कि पहले सचिवालय के गलियारों में ‘दलाल’ घूमते थे लेकिन अब वहां :गुजरात में: कोई दलाल नहीं जा सकता. अब लोग कह सकते हैं कि एक ऐसी सरकार है, जिसको न तो दबाया जा सकता है और न ही उसे खरीदा जा सकता है.
मेरी मां लोगों के घरों में बर्तन साफ करती थीं: मोदी
धुले : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने पुराने गरीबी के दिनों को याद करते हुए आज कहा कि ‘मैंने चाय बेचकर गुजारा किया और मेरी मां दूसरों के घरों में बर्तन साफ किया करती थी’.मोदी ने आज यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह गरीबी का दर्द समझते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अम्बेडकर का मानने वाला रहा हूं. मुझसे बेहतर आपकी समस्याओं को कोई नहीं समझ सकता.’’