नयी दिल्ली: लोकपाल की नियुक्ति करने के प्रयासों पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि अगर संप्रग सरकार लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में आगे बढती है तो यह ‘‘राजनीतिक रुप से बेहद अनुचित कदम’’ और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा. भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि प्रक्रिया कानूनन ‘‘संदेहास्पद’’ है और इस तरह की ‘‘अपवित्र जल्दबाजी’’ लोकपाल की विश्वसनीयता को उसके गठित होने के पहले ही खत्म कर देगी.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 27 या 28 अप्रैल को लोकपाल चयन समिति की बैठक बुलाने का इरादा बना रहे हैं.जेटली ने कहा, ‘‘आधा चुनाव पूरा हो चुका है. परिणाम आने और नई सरकार बनने में 26 दिन बाकी रह गये हैं. क्या संप्रग सरकार के लिए यह उचित है कि वह अपनी निश्चित विदाई से पहले लोकपाल की नियुक्ति के लिए आगे बढे ? निश्चित तौर पर नहीं.’’
जेटली ने कहा, ‘‘इस मौके पर अगर संप्रग सरकार लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में आगे बढती है तो यह राजनीतिक रुप से बेहद अनुचित और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा. इस तरह की अपवित्र जल्दबाजी लोकपाल की विश्वसनीयता को उसके गठित होने के पहले ही खत्म कर देगी. इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाना चाहिए.’’ अपने ब्लाग पर एक बयान में जेटली ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वह निश्चित विदाई के पहले अपनी इस जल्दबाजी पर गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करें.