गाजियाबाद: करोड़ों रुपये के एनआरएचएम घोटाले के मामले में सुनवाई कर रही एक विशेष सीबीआई अदालत को बताया गया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू बाबू सिंह कुशवाहा ने एक परियोजना में एक कंपनी को काम आवंटित करने के लिए कथित तौर पर तीन प्रतिशत कमीशन मांगा था.
गिरीश मलिक ने अदालत को बताया कि सीएनडीएस के जीएम पी के जैन ने कुशवाहा के लिए कथित तौर पर तीन प्रतिशत कमीशन के लिए कहा था, जिसमें एक प्रतिशत खुद के लिए और परियोजना में शामिल अन्य लोगों के लिए अलग अलग धन मांगा गया था.
अगस्त 2006 में कंपनी ने सामान और उनकी दरों की सूची जमा की थी जिसके बाद जैन और एक स्थानीय इंजीनियर ने परियोजना का एस्टीमेट तैयार किया.
उन्होंने कहा कि शुरु में परियोजना के एस्टीमेट को मंजूरी नहीं दी गयी लेकिन बाद में इसे मंजूर कर दिया गया. घोटाले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी.