मुंबई : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर पार्टी पर पूरी तरह कब्जा करने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज कहा कि अगर मोदी को पूरी छूट दे दी जाए तो देश पर एक व्यक्ति का तानाशाहीपूर्ण शासन कायम हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी के बारे में बात करने को इसलिए बाध्य है क्योंकि उसे लगता है कि वह (मोदी) अपनी तानाशाहीपूर्ण प्रवृत्तियों के कारण खतरनाक व्यक्ति हैं. चव्हाण ने एक साक्षात्कार में कहा जिस तरह उन्होंने भाजपा पर पूरी तरह कब्जा किया, जिस तरह लगभग रातोंरात उन्होंने वरिष्ठ नेतृत्व को दरकिनार किया और जिस तरह वह पार्टी को खुद तथा अमित शाह के साथ चलाने की कोशिश कर रहे हैं, उसमें हमें खतरा लगता है.
उन्होंने कहा जब कोई नेता भाजपा में एक व्यक्ति की राजनीति लाता है तो यह खतरा होता है कि वह (देश के) प्रशासन में भी यही करेगा. चव्हाण ने कहा इसलिए हमें देश को खतरों को लेकर आगाह करना होगा, जैसे उन्होंने गुजरात दंगों के दौरान कैसा आचरण किया, निजी उद्देश्य के लिए उन्होंने पुलिस प्रशासन का कैसा दुरुपयोग किया.
चव्हाण ने कहा कि पुलिए व्यवस्था का उपयोग किसी का पीछा करने और जासूसी करने के लिए किये जाने से मानदंडों और शुचिता के प्रति अनादर जाहिर होता है. अगर ऐसे आदमी को शीर्ष पर पहुंचने की अनुमति दी जाए तो हम परिणाम की कल्पना कर सकते हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा हम नहीं जानते कि केंद्र सरकार के स्तर पर गुजरात मॉडल का नीतियों पर क्या असर होगा और अगर भाजपा को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए तो गठबंधन सरकार कैसे चलेगी.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासन में गुजरात में बहुत विकास हुआ. नरेंद्र मोदी के इस दावे को खारिज करना जरुरी है कि उनके शासनकाल में गुजरात में विकास दर कथित तौर पर सर्वाधिक रही. माधव सिंह सोलंकी नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वहां विकास दर उच्च थी.
चव्हाण ने कहा अगर कोई राज्य अच्छा काम करता है तो उसे बधाई देना चाहिए. लेकिन इसका राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग करना अलग बात है. हमने महाराष्ट्र के विकास की कहानी को गुजरात चुनावों में लाभ के लिए कभी राजनीतिक हथियार नहीं बनाया.
उन्होंने कहा मोदी अवांछित बयान दे कर लोगों को निशाना बना रहे हैं. मैंने कथित गुजरात मॉडल के अलावा देश के लिए उनका कोई विजन या एक भी नीतिगत बयान नहीं देखा. पूरा प्रचार मोदी के व्यक्तित्व तक ही सीमित है.