मयूरभंज (ओड़िशा) : ओड़िशा के मयूरभंज जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ना सिर्फ आपको चौंका देगा, बल्कि हमारी सामाजिक स्थिति का वर्णन भी करेगा. मयूरभंज के एक आदिवासी युवक ने न्याय की मांग के लिए एक अनूठा कदम उठाया और अपने बूढ़े मां-बाप को श्रवण कुमार की तरह टोकरी में लादकर 40 किलोमीटर तक उन्हें ढोकर लाये.
#WATCH: Tribal man in Odisha's Mayurbhanj travels 40 kms on foot carrying his parents seeking justice in an alleged fake case against him. pic.twitter.com/ULn6KGLLba
— ANI (@ANI) September 1, 2017
मयूरभंज जिले के मरौदा गांव के रहने वाले कार्तिक सिंह का दावा है कि मरौदा पुलिस ने उन्हें एक झूठे केस में फंसाकर वर्ष 2009 में 18 दिन तक जेल में रखा, जिसका परिणाम यह हुआ कि गांववालों ने उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जो आज भी जारी है. कार्तिक का कहना है कि उसके पास आय का कोई साधन नहीं है, जबकि वह पढ़ा-लिखा है. गांव में कोई उसे काम नहीं देता, वह काम के लिए बाहर भी नहीं जा सकता क्योंकि उसके बूढ़े मां-बाप को देखने वाला कोई नहीं है. सामाजिक बहिष्कार के कारण उसकी शादी भी नहीं हुई है. पिछले 6-7 साल से वह केस कोर्ट में चल रहा है.
ऐसे हालात में श्रवण कुमार को याद कर कार्तिक सिंह ने अपने मां-बाप को कंधे पर ढोकर न्याय की गुहार लगायी है. एडवोकेट प्रभुधन मरांडी का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मरौदा पुलिस ने कोई फर्जी मामला दर्ज किया है, ऐसा पहले भी होता आया है. कार्तिक सिंह का कहना कि वह यह चाहते हैं कि वह अपने मां-बाप की नजरों में निर्दोष साबित हो जायें.