जब से ‘ट्रिपल तलाक’ पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है, लोग इस्लाम में निकाह और तलाक की प्रक्रिया पर बहुत बातें कर रहे हैं, साथ ही लोग पूरी प्रक्रिया को जानना भी चाह रहे है. इन दिनों ‘ट्रिपल तलाक’ के साथ ही ‘हलाला’ की भी खूब चर्चा हो रही है. दरअसल ‘हलाला’ वह प्रक्रिया है जिसके जरिये इस इंसान अपनी पत्नी को तलाक देने के बाद उससे दोबारा शादी कर सकता है. लेकिन कई बार यह सवाल भी किया जाता है कि क्या इस्लामिक कानून तलाक के बाद अपनी बीवी से शादी करने की इजाजत देता है या नहीं?
इस बारे में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्कॉलर शीबा असलम फहमी ने इस बारे में फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने ‘ट्रिपल तलाक’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने वीडियो में कहा है कि एक बैठक में ‘ट्रिपल तलाक’ लोगों को ‘हलाला’ की तरह ले जाता है.
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इस व्यवस्था में एक आदमी की व्यवस्था की जाती है और उससे अपनी तलाकशुदा पत्नी का निकाह करवाया जाता है, फिर जितने समय की भी बात की गयी हो, एक रात-दो रात या फिर जितने भी समय की बात हो उसके बाद तलाक करवा दिया जाता है, फिर उससे शादी की जा सकती है, क्योंकि अब वह दूसरे की तलाकशुदा हो गयी है.