मुंबई : मनसे प्रमुख राज ठाकरे को भाजपा और आरपीआई नेताओं द्वारा शिवसेना-भाजपा-आरपीआई गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिये जाने के मुद्दे पर शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि महाराष्ट्र के लोग ऐसा नहीं चाहते.
उद्धव ने पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा, ‘‘लोग कांग्रेस को शिकस्त देना चाहते हैं. हालांकि, वे स्वादहीन खिचड़ी नहीं चाहते. वे एक स्थायी सरकार चाहते हैं और शिवसेना नीत गठजोड़ के पास यह क्षमता है.’’उन्होंने कहा कि नीतिन गडकरी, गोपीनाथ मुंडे, देवेन्द्र फड़नवीस और अब रामदास अठावले, इन सभी ने मनसे को अपने महागठबंधन में आने का न्यौता दिया है. उद्धव ने दागी क्रिकेट खिलाड़ी श्रीसंत का उदाहरण देते हुए कहा कि राजनीति में कोई भी संत नहीं है. हर कोई सट्टे लगाकर अपने स्वार्थ पूरे कर रहा है. लेकिन श्रीसंत के मामले से पता चलता है कि किसी भी मामले में अकारण जल्दबाजी और लालच से क्या हश्र होता है.
उन्होंने कहा कि शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी-रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया का गठजोड़ ठीक से काम कर रहा है और इसमें किसी चौथे घटक को शामिल कने की जरुरत नहीं है. उद्धव ने गडकरी और अठावले को पहले अपने अपने घर दुरुस्त करने की सलाह दी. उन्होंने परोक्ष रुप से गडकरी को मुंडे के साथ अपने मतभेद दूर करने को कहा और अठावले को आरपीआई के विभिन्न धड़ों के साथ सुलह करने की सलाह दी.
उन्होंने कहा कि यह भी बेहतर होगा कि नीतीश कुमार और आडवाणी के साथ नरेन्द्र मोदी सुलह कर लें. गौरतलब है कि गडकरी ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे जब तक ठाकरे बंधुओं को एकजुट नहीं कर देते और मनसे को शिवसेना भाजपा आरपीआई महागठबंधन में शामिल होने के लिए मना नहीं लेते.