नयी दिल्ली : कमजोर वैश्विक रुख के कारण स्टाकिस्टों की भारी बिकवाली से बीते समाप्त सोने की कीमत 10 सप्ताह बाद 30,000 रुपये के स्तर से नीचे आ गई. चांदी की कीमत को भी झटका लगा तथा औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं के कमजोर उठान से इसकी कीमतों में गिरावट आयी. बाजार सूत्रों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रख के अनुरुप स्टाकिस्टों की भारी बिकवाली से कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.
घरेलू मोर्चे पर कीमतों का रुख तय करने वाले बाजार न्यूयार्क में सोना 3.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ इस सप्ताह 1,294.30 डॉलर प्रति औंस रह गया. उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के कारण सोने का आयात सस्ता हो गया है और निवेशकों ने कमजोर सर्राफा बाजार से मजबूत होते शेयर बाजार की ओर धन का निवेश करना शुरु कर दिया जिससे बहुमूल्य धातुओं की कीमतों पर दबाव बढ गया. आठ माह में पहली बार रुपया 60 रुपये प्रति डालर के स्तर को लांघकर 59.91 रुपये प्रति डालर पर मजबूत हुआ.