नयी दिल्ली: भाकपा ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. पार्टी ने लोगों से यह अपील भी की कि वे कांग्रेस और सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोक कर एक वैकल्पिक मंच तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करें.
जनविरोधी आर्थिक नीतियों एवं उससे पैदा होने वाले भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए भाकपा ने कहा कि देश दोराहे पर खडा है क्योंकि ‘‘नवउदारवादी नीतियों के शर्मनाक अनुसरण’’ ने उसे ऐसे संकट में डाल दिया है जो दिनों दिन गहराता जा रहा है. पार्टी का चुनाव घोषणा-पत्र जारी करते हुए भाकपा के शीर्ष नेताओं ने संसद में एक मजबूत वाम मोर्चे का आह्वान किया ताकि लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाया जा सके. पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस का सीधा गठजोड ऐसे तत्वों से है जो कॉरपोरेट पूंजी और साम्राज्यवाद को बढावा देने के पक्ष में हैं.’’
भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद का परिदृश्य बडे राजनीतिक मंथन का समय होगा जिससे राजनीतिक ताकतें फिर से एक-दूसरे से जुडेंगी.’’ यह पूछे जाने पर कि चुनावों के बाद क्या वाम एवं क्षेत्रीय दल कांग्रेस को समर्थन देंगे या उससे समर्थन लेंगे, इस पर वरिष्ठ भाकपा नेता ए बी वर्धन ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद क्या होगा, यह बाद में देखा जाएगा. उससे पहले हमें इस भ्रष्ट (यूपीए) सरकार को गिराना है और सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में आने से रोकना है.’’ लेकिन गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, ‘‘ऐसे तत्वों को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है जिनके खिलाफ हम अपनी बंदूकें तान रहे हैं.’’ वरिष्ठ नेता डी राजा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने महिला आरक्षण विधेयक और अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं अन्य पिछडे वर्गों के लिए कोटा के वादे पूरे नहीं किए.