साजिश में शामिल दो दोस्तों को 10-10 लाख देने का किया था वादा, अंशुमान पहले भी जा चुका है जेलबारीडीह के मुकेश व साला जीतेंद्र पर मारपीट, अनैतिक कार्य, जातिसूचक गालियां देने का लगाया था झूठा आरोप
वरीय संवाददाता,जमशेदपुर
बारीडीह के मुकेश कुमार व उसके साला जीतेंद्र कुमार को फंसा कर एक करोड़ रुपये वसूलने के लिए भुइयांडीह कालिंदी बस्ती निवासी अंशुमान भगत सीतारामडेरा थाना में झूठी प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस की जांच में यह मामला सामने आया है. पुलिस जांच रिपोर्ट आने के बाद जब पुलिस ने अंशुमान भगत को पकड़ कर थाना लायी, तो उसने स्वीकार किया कि उसने मुकेश कुमार और उसके साला जीतेंद्र कुमार को फंसाने के झूठी कहानी रची. पुलिस के अनुसार अंशुमान भगत ने अपने साथी बारीडीह निवासी जीतेंद्र चौधरी और भुइयांडीह कालिंदी बस्ती निवासी पवन साव के साथ मिलकर साजिश रची थी. अंशुमान भगत ने दोनों को 10-10 लाख रुपये देने का भरोसा दिया था.इस तरह रची थी साजिश
अंशुमान भगत ने एक मार्च की शाम योजना के तहत बारीडीह के जीतेंद्र चौधरी को फोन कर घर बुलाया और उसे हेलमेट पहनकर आने को कहा. जीतेंद्र चौधरी के आने के बाद अंशुमान भगत ने अपने कपड़े उतार दिये और जीतेंद्र की मदद से खुद ही बाजार से लायी रस्सी से हाथ व पैर बंधवाया. ताकि घटना को सच दिखाया जाये. इसके लिए अंशुमान भगत ने टेल्को आजाद मार्केट से हैंड ग्लब्स खरीदा,जबकि बारीडीह से रस्सी खरीदा थी. इसके अलावा जीतेंद्र चौधरी को ही कमरे में शराब छिंड़कने को कहा. जीतेंद्र चौधरी के जाने के बाद उसने पवन साव को बुलाया. पवन साव का काम पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट को हैंडल करना था. पवन साव ने योजना के तहत 100 डायल कर पुलिस को बुलाया. इस बीच मकान मालिक कंचन नाग के पहुंचने पर उसे भी रस्सी खोलने से मना कर दिया. वहीं, पुलिस के पहुंचने पर मोबाइल से पवन ने वीडियो बनाया. ताकि केस को मजबूत किया जा सके.अंशुमान ने केस का आवेदन पूर्व में कर लिया था तैयार
सीतारामडेरा थाना प्रभारी विनय मंडल ने बताया कि अंशुमान ने केस करने के लिए आवेदन पूर्व से तैयार कर लिया था. घटना घटने के बाद वह रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित अपने घर गया और छोटे भाई से आवेदन को लिखवाया. फिर थाना पहुंचकर केस दर्ज कराया. उन्होंने बताया कि अंशुमान भगत व जीतेंद्र चौधरी की मुलाकात जेल में हुई थी. जीतेंद्र चौधरी पूर्व में आर्म्स एक्ट में जेल जा चुका है. अंशुमान भगत ने मुकेश और जीतेंद्र से एक करोड़ रुपये वसूल कर 10-10 लाख रुपये जीतेंद्र चौधरी और पवन साव को देने का वादा किया था. अंशुमान भगत पूर्व में मुकेश के घर में करीब एक साल रहा था. उनकी पत्नी के साथ गलत हरकत का प्रयास किया था. जिस केस में अंशुमान भगत जेल भी गया था. फिलहाल तीनों से पूछताछ की जा रही है.क्या है मामला
गत एक मार्च की देर शाम अंशुमान भगत के साथी पवन साव ने पुलिस को सूचित कर बताया कि अंशुमान भगत के साथ मारपीट हुई है. पुलिस के पहुंचने पर अंशुमान भगत नग्न हालत में कमरा में जमीन पर गिरा था. वहां पर आपत्तिजनक चीजें पड़ी थी. अंशुमान भगत ने सीतारामडेरा थाना में बारीडीह के मुकेश कुमार और उसके साला जीतेंद्र के खिलाफ मारपीट कर उसे साथ अनैतिक कार्य करने, जबरन शराब पिलाने के अलावा जातिसूचक गाली- गलौज की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है