तकनीक के तार से जोड़े रखें रिश्तों की डोर

फोन में ह्वाट्सएप्प मैसेंजर की बीप बजती है. अकेले बैठ कर किताब पढ़ रही सुनैना झट से फोन उठाकर मैसेज देखती हैं और मुस्कुरा उठती हैं. वह फोन पर आये संदेश को देर तक देखती रहती हैं और उनके चेहरे पर खुशी का सुनहलापन फैलता जाता है. वह उस मैसेज का जवाब देती हैं, फिर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 22, 2015 10:53 AM
फोन में ह्वाट्सएप्प मैसेंजर की बीप बजती है. अकेले बैठ कर किताब पढ़ रही सुनैना झट से फोन उठाकर मैसेज देखती हैं और मुस्कुरा उठती हैं. वह फोन पर आये संदेश को देर तक देखती रहती हैं और उनके चेहरे पर खुशी का सुनहलापन फैलता जाता है.
वह उस मैसेज का जवाब देती हैं, फिर एक बीप बजती है और उनकी ओर से भेजे गये संदेश के रिप्लाइ में एक और मैसेज आता है. दरअसल, सुनैना की पोती सोनसी के स्कूल का आज पहला दिन है. इसलिए उनके बेटे अनीश ने स्कूल बैग के साथ उसकी तसवीर खींच कर मां को भेजी है. अपनी पोती को पहले दिन स्कूल जाते देखना कौन नहीं चाहेगा. लेकिन, सुनैना पटना में रहती हैं, अभी उनकी सेवानिवृत्ति में समय है.
बेटे अनीश की जॉब पुणो में है. जाहिर है वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ वहीं सैटेल हो गया है. सुनैना का छोटा बेटा बेंगलुरू में रहता है, तो बेटी भोपाल में. परिवार के सभी सदस्यों को यह दूरी खलती है, लेकिन सभी जानते हैं कि जिंदगी को बेहतर ढंग से चलाने के लिए कैरियर भी जरूरी है. अपने शहर में जॉब मिल जाये, ऐसा हर किसी के लिए संभव नहीं. इसलिए सच को स्वीकारते हुए जिसे जहां अच्छा जॉब मिला, वो वहीं सेटेल हो गया. इसके बाद भी यह कोशिश रही कि फैमिली एक दूसरे दूर न हो. साल में दो से तीन बार, होली-दीवाली में किसी एक के घर में सब एकत्र होने लगे. लेकिन, हर दिन, हर पल का हाल जानने की इच्छा सबके मन में थी. पहले फोन ने इसे कुछ हद तक पूरा किया.
फिर इंटरनेट के विस्तार के बाद सुनैना ने बच्चों से वीडियो चैट करने के लिए लैपटॉप खरीदा. इसके बाद फेसबुक और स्काइप के जरिये जुड़ीं. सारे फैमिली मेंबर द्वारा एक-दूसरे के हाल का ताजा अपडेट देखना, उस पर कमेंट करना शुरू हुआ. अब उनके स्मार्टफोन में ह्वाट्सएप में उनका फैमिली ग्रुप है, जिसमें सभी रोज न सिर्फ एक-दूसरे से चैट करते हैं, बल्कि पिक्चर भी शेयर करते हैं. सुनैना अपनी इंटीरियर डिजाइनर बेटी के नये काम की तसवीरें और अपनी पोती के डांस के वीडियो आसानी से देख पाती हैं. पिछले कुछ वक्त से स्मार्टफोन के जरिये पूरा परिवार जैसे हर रोज एक जगह जमा होता है.

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