एस्प्रिन से नहीं कम होता दिल का दौरा पड़ने का खतरा

मेलबर्न : एक नये शोध में पता चला है कि रोजाना एस्प्रिन की खुराक लेने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम नहीं होता. गौरतलब है कि एस्प्रिन का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में 16वीं शताब्दी से किया जा रहा है. वर्ष 1960 से इसकी पहचान एक ऐसी औषधि के रूप में होती […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2018 11:30 AM

मेलबर्न : एक नये शोध में पता चला है कि रोजाना एस्प्रिन की खुराक लेने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम नहीं होता. गौरतलब है कि एस्प्रिन का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में 16वीं शताब्दी से किया जा रहा है. वर्ष 1960 से इसकी पहचान एक ऐसी औषधि के रूप में होती रही है, जो उन लोगों में दिल का दौरा पड़ने के खतरे को कम देता है जो पहले भी इसका सामना कर चुके हैं.

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित तीन अध्ययनों के मुताबिक 70 साल के अपेक्षाकृत स्वस्थ्य बुजुर्गों को प्रतिदिन एस्प्रिन की हल्की डोज (100मिलीग्राम) देने के बावजूद उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम नहीं हुआ और न ही वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य प्रकार की बीमारियों का खतरा कम हुआ.

‘एएसपीआरईई’ नाम के इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के 19,000 से अधिक लोगों पर सात से ज्यादा अध्ययन किया गया. ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्विद्यालय में प्रोफेसर जॉन मैकनील ने कहा, ‘‘इस लंबे और जटिल अध्ययन से यह संदेश मिलता है कि स्वस्थ बुजुर्ग लोगों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एस्प्रिन से कोई मदद नहीं मिलती.”

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