Vande Bharat Express: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 11 राज्यों के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली नौ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इन राज्यों में राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात शामिल हैं. लेकिन क्या आप वन्दे भारत ट्रेन की विशेषताओं के बारे में जानते हैं ? क्यों ट्रेन इतनी खास है ? आज हम ट्रेन से जुड़ी रोचक जानकारी आपके लिए लेकर आये हैं. जिसके बाद आप वन्दे भारत ट्रेन से संबंधित हर जानकारी जान पाएंगे.
वंदे भारत ट्रेन में क्या है खूबियां...
वंदे भारत ट्रेन में ऑनबोर्ड इंफोटेनमेंट, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, स्लाइडिंग दरवाजे और बायो टॉयलेट जैसी विशेषताएं मौजूद हैं.
पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस ट्रेन में 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और इसमें 16 कोच हैं.
सामान्य शताब्दी ट्रेन की तुलना में वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रैवल टाइम काफी कम है.
दो उच्च श्रेणी के डिब्बे भी लगाए गए हैं। इन दोनों में 52-52 सीटें होंगी.
वहीं, एक सामान्य कोच में 78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है.
इस ट्रेन में भोजन और नाश्ता भी परोसा जाता है. जिसकी कीमत टिकट में ही शामिल होती है.
यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए ट्रेन को पूरी तरह से ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा से लैस बनाया है. साथ ही हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट्स दिए गए हैं.
वन्दे भारत ट्रेन में जीपीएस प्रणाली लगी है. जिसके माध्यम से आने वाले स्टेशन और अन्य सूचनाओं की जानकारी मिलती है.
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर डिब्बे में सीसीटीवी लगाए गए हैं.
यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए जब ट्रेन पूरी तरह से रूक जाती है तब ही दरवाजे खुलेंगे. ताकि यात्री चलती ट्रेन में न ही चढ़े और न ही उतरे.
वन्दे भारत ट्रेन को बनाने में दिव्यागों का भी ध्यान रखा गया है. ट्रेन के कुछ डिब्बों में व्हीलचेयर रखने के लिए अलग से स्थान बनाया गया है.
वंदे भारत नये उमंग और उत्साह का प्रतीक: मोदी
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत को नये उमंग और उत्साह का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, बुनियादी ढांचे के विकास की गति, पैमाना 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से मेल खा रहा है. वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, इनमें 1,11,00,000 से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं.
बहुत जल्दी रांची से पुरी व बनारस के लिए भी चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
रांची से बनारस और रांची से पुरी के लिए भी वंदे भारत का संचालन होगा. इसके लिए उन्होंने रेलमंत्री से आग्रह किया है. बहुत जल्द इसके भी सार्थक परिणाम सामने आयेंगे. उन्होंने कहा कि अभी रांची स्टेशन में 490 करोड़, हटिया स्टेशन में 388 करोड़, पिस्का स्टेशन में 48 करोड़ और मुरी स्टेशन में 35 करोड़ की परियोजनाओं पर रेलवे काम कर रहा है. उन्होंने रेलवे से रांची से दक्षिण भारत को जोड़ने के लिए एक अंत्योदय एक्सप्रेस चलाने की भी मांग की है.
भारत की पहली ट्रेन
भारत की पहली ट्रेन रेड हिल रेलवे थी, जो 1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक 25 किलोमीटर चली थी. सर आर्थर कॉटन को ट्रेन के निर्माण का श्रेय दिया गया था, जिसका उपयोग मुख्य रूप से ग्रेनाइट के परिवहन के लिए किया जाता था. वहीं पब्लिक परिवहन के लिए भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बोरी बंदर (मुंबई) और ठाणे के बीच 34 किमी की दूरी पर चली थी. ट्रेन में 400 यात्री सवार थे. दिलचस्प बात यह है कि इस दिन को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया था.
भारत की सबसे तेज ट्रेन
नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन 18) का स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी स्पीड को 130 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है. वहीं गतिमान एक्सप्रेस देश की सबसे तेज गति से दौड़ने वाली ट्रेन है. यह हजरत निजामुद्दीन से आगरा के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. आगरा से झांसी के बीच इसे 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाता है.
भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे विक्टोरिया टर्मिनल और कुर्ला हार्बर के बीच चली थी. बाद में नासिक के इगतपुरी जिले और फिर पुणे तक बिजली लाइन का विस्तार किया गया.
भारत का पहला रेलवे स्टेशन
मुंबई में स्थित बोरी बंदर भारत का पहला रेलवे स्टेशन है। भारत की पहली यात्री ट्रेन 1853 में बोरी बंदर से ठाणे तक चली थी. इसे ग्रेट इंडियन पेनिन्सुलर रेलवे द्वारा बनाया गया था. इस स्टेशन को बाद में 1888 में विक्टोरिया टर्मिनस के रूप में फिर से बनाया गया, जिसका नाम महारानी विक्टोरिया के नाम पर रखा गया.