Anti Terrorism Day 2022: आज मनाया जा रहा है आतंकवाद विरोधी दिवस,जानें इसका इतिहास एवं इससे जुड़ा सबकुछ

Anti Terrorism Day 2022: 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था. इस दिन को भारत का बच्चा- बच्चा नहीं भूल सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2022 6:26 AM

Anti Terrorism Day 2022: भारत में 21 मई को प्रतिवर्ष आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को भारत का बच्चा- बच्चा नहीं भूल सकता क्योंकि इसी रोज भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी.

आतंकवाद विरोधी दिवस क्यों मनाया जाता है?

तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था.

कैसे हत्या हुई?

राजीव गांधी जिस समय रैली को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक महिला अपने शरीर पर विस्फोटक लगाकर आई. वह राजीव गांधी के पैर छूने के लिए जैसे ही झुकी, तेज धमाका हुआ और इसमें राजीव गांधी समेत लगभग 25 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, मानव बम बनकर आई इस महिला का संबंध आतंकवादी संगठन एलटीटीई से था.

इस दिन का महत्व

भारत में हर साल 21 मई को नेशनल एंटी टेररिज्म डे मनाया जाता है. यह दिन आतंकवाद और लोगों और राष्ट्र पर इसके प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए भी मनाया जाता है. इस दिन का उपयोग आतंकवाद के सभी पीड़ितों और उनके परिवारों को याद करने के लिए भी किया जाता है. भारत 2001 के संसद हमलों के पीड़ितों को याद करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए फिर से एक होने के लिए जश्न मनाता है. यह दिन सभी हितधारकों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग और समन्वय के महत्व को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर भी है.

राजीव गांधी के बारे में

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था. इनकी माता का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था. राजीव गांधी के परिवार में पत्नी सोनिया गांधी और 2 संतानें राहुल व प्रियंका गांधी हैं.

वे साल 1981 में उत्तरप्रदेश की अमेठी सीठ से सांसद बने. वे 1985 से 1991 तक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया.

जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो राजीव गांधी को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वे 31 अक्टूबर 1984 से 1 दिसंबर

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