अपने घर के कुत्ते को क्या कभी आपने सोते में भागते हुए, आवाज़ निकालते हुए, आँखे चलाते हुए देखा है? यदि नहीं तो अब देखिएगा. ऐसा कुत्ते इसलिए करते हैं क्योंकि वह सोते हुए सपने देख रहे होते हैं. जी हाँ, ये बेहद दिलचस्प बात है कि कुत्ते भी हम लोगों की तरह ही सपने देखते हैं.
हमारे सपनों में अपने जीवन की किसी घटना पर आधारित चीजें घटती हैं वैसे ही हमारे पालतू कुत्ते के सपनों में भी वही सब होता है. वे किसी जानवर का पीछा कर रहे होते हैं, नोचते-खसोटते होते हैं और दुलार-प्यार होते हैं.
कुत्तों पर रिसर्च करने वाले यह भी मान रहे हैं कि श्वान निद्रा का टर्म सही है. ब्रिटिश कोलंबिया विवि में मनोविज्ञान के प्रोफेसर स्टेनली कोरेन का मानना है कि कुत्ते सोते हुए भी सतर्क रहते हैं. इसलिए खटके पर नींद टूटने पर भी वे तुरंत प्रतिक्रिया जताते हैं.
वैसे, सोने के मामले में कुत्ते आदमी से बढ़कर हैं. लोगों के लिए 7 से 8 घंटे तक की नींद पर्याप्त है जबकि अपने पालतू कुत्ते 12 से 14 घंटे तक सोते हैं. वे 24 घंटे में 44% बिल्कुल सतर्क रहते हैं, 21% ओंघते और 35% नींद में रहते हैं. नींद के दौरान 12% हल्की नींद होती है जबकि 23% गहरी.
अमेरिका के मैसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी संस्थान में सेंटर फॉर लर्निग एंड मेमोरी के प्रो. मैथ्यू ए. विल्सन के अनुसार, आदमी और कुत्ते- दोनों की नींद में एक और बात सामान्य है. दोनों की हल्की नींद के दौरान पुतलियां तो ढंकी रहती हैं लेकिन आंखें इधर-उधर घूमती रहती हैं. गहरी नींद में दोनों में ही आंखें तो क्या, शरीर में भी हलचल नहीं होती.
कुत्तों का अभी नहीं पता लेकिन आदमी को अधिकतर वे सपने ही याद रहते हैं जो वह हल्की नींद में देखता है.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ वेटनरी बिहेवियर के प्रोफेसर डॉ. निकोलस डोडमैन कहते हैं कि दोनों जीवों का सामान्य व्यवहार अजूबा नहीं है. आखिर, जेनेटिक और शारीरिक रूप से दोनों में 95% समानताएं हैं. हमारे दिमाग, न्यूरोकेमेस्ट्री, प्रतिक्रिया जताने के तरीके और मेमोरी समान हैं. साइंस के हिसाब से दोनों के दिमाग में काफी समानता है.