29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

WHO ने B.1.617 वेरिएंट को भारतीय संस्करण नहीं कहा : केंद्र सरकार

B.1.617 Variant, Central government, Double mutants : नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि भारत के कोविड-19 के भारतीय वेरिएंट दुनिया के 44 देशों में पाया गया है. दावे पर केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में B.1.617 वेरिएंट का जिक्र करते हुए कहीं भी 'भारतीय वेरिएंट' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. डब्ल्यूएचओ ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वेरिएंट को उनके वैज्ञानिक नामों से पहचाना जाता है, ना कि देशों के नाम से.

नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि भारत के कोविड-19 के भारतीय वेरिएंट दुनिया के 44 देशों में पाया गया है. दावे पर केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में B.1.617 वेरिएंट का जिक्र करते हुए कहीं भी ‘भारतीय वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. डब्ल्यूएचओ ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वेरिएंट को उनके वैज्ञानिक नामों से पहचाना जाता है, ना कि देशों के नाम से.

केंद्र सरकार ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने B.1.617 वेरिएंट को वैश्विक चिंता बताया है. लेकिन, कई रिपोर्ट्स में म्यूटेंट को ‘भारतीय वेरिएंट’ कहा गया है, जो निराधार है और आधारहीन है. सरकार के मुताबिक, ये वेरिएंट ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में पाये गये वेरिएंट के बाद चौथा सबसे चिंताजनक वेरिएंट है. चिंताजनक वेरिएंट की सूची में इसे इसलिए रखा गया है कि यह मूल वायरस की तुलना में तेजी से फैलता है.

इस प्रकार के वेरिएंट को डबल म्यूटेंट के रूप में जाना जाता है. यह एंटीबॉडी को भी नुकसान की ओर ले जाता है. भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में आयी तेजी का कारण इस वेरिएंट के क्रमागत उन्नति माना जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, छह डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों के 44 देशों में 4500 से ज्यादा सैंपल में इस वेरिएंट का पता चला है. केंद्र सरकार ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में डबल म्यटेंट वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट नहीं कहा है.

डबल म्यूटेंट वायरस का पता पिछले साल पांच अक्तूबर को चला था. उससमय भारत में इतना व्यापक नहीं था. केंद्र ने भारत में मार्च-अप्रैल के बीच इस वेरिएंट के कारण मामलों में बढ़ोतरी होने से इनकार किया है. हालांकि, आशंका जताते हुए कहा है कि संक्रमण बढ़ने के पीछे एक कारण ये भी हो सकते हैं. वायरस में वेरिएंट स्वाभाविक है. कुछ वेरिएंट दूसरों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली होते हैं.

इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के मुताबिक, देश में विकसित किये गये कोरोना वैक्सीन कोविशलील्ड और कोवाक्सिन इस स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी हैं. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन वेरिएंट्स को सामान्यत: उस देश के नाम से साथ रिपोर्ट किया जाता है, जहां पहली बार मामला सामने आया. लेकिन, आधिकारिक तौर पर डब्ल्यूएचओ ने डबल म्यूटेंट स्ट्रेन का उल्लेख भारतीय वेरिएंट के रूप में नहीं किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें