Healthy Life Style, Cancer Symptoms: कहा जाता है कि एक औरत सबका ख्याल रखती है सिवाय खुद का. महिलाओं की परिवार के लिए स्वयं को भुला देने और अपनी शारीरिक समस्याओं को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति अक्सर उनकी जिंदगी को खतरे में डाल देती है. स्वस्थ जीवनशैली नहीं होने के कारण हाल के वर्षों में महिलाओं में कैंसर का प्रसार चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है. क्या हैं इसके कारण? और कैसे कर सकते हैं इस जानलेवा बीमारी से बचाव? हमने बात की डॉ. तनवी राज से, जो पटना के प्रसिद्ध फोर्ड अस्पताल में जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. वह बताती हैं कि जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है. उनका कहना है कि स्वस्थ जीवनशैली अपना कर महिलाओं में कैंसर के फैलाव को रोका या कम किया जा सकता है. डॉ. तनवी राज कहती हैं कि महिलाओं में कैंसर कई प्रकार के होते हैं. आम तौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट या स्तन, सर्वाइकल यानी गर्भाशय, अंडाशय और मुंह का कैंसर पाया जाता है.
स्तन कैंसर के लक्षण और उपाय
डॉ. तनवी राज स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में बताती हुई कहती हैं कि स्तन में दर्दरहित कोई गांठ होना, स्तन के आकार में परिवर्तन, निप्पल पर या उसके आसपास लाली या दाने, स्किन सिकुड़ना, निप्पल से डिस्चार्ज होना खासकर, खून निकलना, निप्पल का दब जाना या उसकी स्थिति या आकार में परिवर्तन, त्वचा की बनावट में बदलाव आदि स्तन कैंसर के लक्षण होते हैं.
स्तन कैंसर से बचने के क्या उपाय हो सकते हैं? इस पर फोर्ड हॉस्पिटल की डॉ. तनवी राज कहती हैं कि किसी भी कैंसर का इलाज संभव है अगर उसका समय पर पता चल जाए. डॉ. राज सलाह देती हुई कहती हैं कि किसी भी महिला को अपनी अंगुलियों के स्पर्श से अपने स्तन की जांच नियमित रूप से करते रहना चाहिए. कहीं कोई कड़ापन या गांठ महसूस हो तो तुरंत उसकी जांच करानी चाहिए. इसके साथ ही नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करना चाहिए.
गर्भाशय का कैंसर
गर्भाशय यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के संकेतों के बारे में बात करते हुए डॉ. तनवी राज कहती हैं कि बार-बार ब्लीडिंग आने, गंदा डिस्चार्ज यानी सफेद और बदबूदार पानी निकलने, पीरियड बंद होने के बाद ब्लीडिंग आने पर महिलाओं को सचेत हो जाना चाहिए और किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से तत्काल मिलना चाहिए. क्योंकि जांच में थोड़ी सी देरी भी उनकी जान को खतरे में डाल सकती है. डॉ. तनवी राज कहती हैं कि इस कैंसर से बचने के लिए हर शादीशुदा महिला को तीन साल में एक बार पैप्स मेयर जांच अवश्य कराना चाहिए. इसमें गर्भाशय का स्क्रीनिंग किया जाता है. इसके साथ ही पांच साल में एक बार एचपीवी जांच करानी चाहिए. इसके साथ ही यंग बच्ची को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगवाना चाहिए. डॉ. राज ने कहा कि मुंह के कैंसर की रोकथाम तंबाकू और शराब से दूर रहकर की जा सकती है.
अपनी मर्जी से न लें दवा
पीरियड के दौरान ब्लीडिंग और दर्द से बचने के लिए अक्सर बच्चियां दवा खा लेती हैं. फोर्ड हॉस्पिटल की डॉ. तनवी राज इस प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए कहती हैं कि किसी को बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा नहीं खानी चाहिए. अपनी मर्जी से दवा खाने से परेशानी बढ़ सकती है. इसके साथ ही डॉ. तनवी राज यह भी कहती हैं कोई भी महिला अपनी समस्या लेकर उनसे सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच उनसे फोर्टिस अस्पताल में मिल सकती है, लेकिन वह इस बात पर सबसे ज्यादा जोर देती है कि कैंसर से बचने के सारे उपायों में सबसे महत्वर्पूण है हेल्दी लाइफ स्टाइल. इसके साथ ही जन-जागरूकता, जिसके बिना महिलाओं को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाना मुश्किल हो सकता है.