Adenovirus symptoms prevention: पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. कुछ मामलों में लोगों की मौतें भी हुई हैं. हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से कहा है कि डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि उन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन यह वायरस कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए? जान लें क्योंकि एक्सपर्ट के अनुसार एडिनोवायरस को सावधानी से ही हराया जा सकता है.
एडिनोवायरस क्या है?
एडिनोवायरस एक वायरल डिजीज है. लिहाजा किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह संक्रमण फैल सकता है. कोरोना वायरस की तरह यह वायरस भी हवा के जरिए यानी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है. यदि सरफेस पर एडिनोवायरस है और कोई उसे छूता है या उसके संपर्क में आता है, तो वह व्यक्ति भी वायरस से संक्रमित हो सकता है.
एडिनोवायरस के लक्षण
एडिनोवायरस के लक्षण भी कोरोनावायरस से मिलते-जुलते हैं.
एडिनोवायरस से संक्रमित होने पर सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
इसके अलावा बुखार, गला सूखना, एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं भी एडेनो के कारण होती हैं.
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को निमोनिया, आंखों का लाल होना, दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसी शिकायतें भी होती हैं.
इस वायरस के कारण ब्लैडर इंफेक्शन का भी खतरा होता है.
एडिनोवायरस से बचाव के उपाय
इस वायरस से बचने के लिए कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए.
अपने हाथों से बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें.
अगर कोई बीमार है तो उसके संपर्क में न आएं.
बीमार होने पर घर पर ही रहें, घर से बाहर न निकलें
खांसते या छींकते वक्त टिश्यू और मास्क का इस्तेमाल करें.
अपने खाने-पीने के बर्तन दूसरों के साथ शेयर करने से बचें.
एडिनोवायरस के लिए दवाएं
एडिनोवायरस के लिए कोई विशिष्ट दवा या उपचार नहीं है. अधिकांश समय, एडिनोवायरस संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं और दर्द या बुखार के लिए दवा से ठीक हो जाते हैं. इसलिए घबराएं नहीं, अगर आपको ऐसे लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.