Gulabo Sitabo Movie Release, Review, Public Reaction, Ratinge : सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की बहुचर्चित फिल्म गुलाबो सिताबो (Gulabo Sitabo) अमेज़न प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर 200 देशों में 15 भाषाओं के सबटाइटल्स के साथ रिलीज़ हो गयी. लखनऊ के दो फुकरे मिर्जा और बांके की कहानी को निर्देशक सुजीत सरकार ने एक बेहद अनोखे अंदाज में पेश किया है. फिल्म गुलाबो सिताबो को ट्रेड एनेलिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म को साढ़े तीन स्टार दिये हैं. कुल मिलाकर फिल्म एक मजेदार अनुभव है. तो चलिए बताते है आपको क्या दिलचस्प है इस फिल्म में... Movie Review- गुलाबो सिताबो कलाकार: अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना, विजय राज, ब्रजेन्द्र काला, फार्रूख जफर, सृष्टि श्रीवास्तव निर्देशक: शूजित सरकार ओटीटी: अमेज़न प्राइम वीडियो Critics Rating : 3.5
फिल्म गुलाबो सिताबो को ट्रेड एनेलिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म को साढ़े तीन स्टार दिये हैं. उन्होंने फिल्म के बारे में लिखा, वंडरफुल. शूजित सरकार ने इस बार सही ट्रैक पकड़ा है. कमाल की राइटिंग और ह्यूमर हैं. ये उनकी यूएसपी है. ये फिल्म वर्थ वाचिंग है.
फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने फिल्म गुलाबो सिताबो पर रिएक्शन दिया हैं. उन्होंने फिल्म के लिए दो ट्वीट किये है. अपने ट्वीट में उन्होंन लिखा, बन के मदारी का बंदर..डुडुगी बना दें सिकंदर. वहीं इससे पहले अनुराग कश्यप ने एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था- अब गुलाबो सिताबो.
कुछ दिन पहले गुलाबो सिताबो फ़िल्म के लीड एक्टर अमिताभ बच्चन ने अपने ऑफ़िशियल इंस्टाग्राम पोस्ट से एक वीडियो शेयर किया था. इसमें वह एक टंग ट्विस्टर बोलते नज़र आ रहे हैं. ये ट्विस्टर है- गुलाबो की खटर-पटर से तितर-बितर सिताबो, सिताबो के अगर-मगर से उथल-पुथल गुलाबो. अमिताभ इसे बोलने में नाकाम रहते हैं. वह कहते हैं कि पांच बार बोलना है इसे. जबान टूटा जाएगी. अमिताभ ने अपने पोस्ट में आयुष्मान खुराना, दीपिका पादुकोण, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, विराट कोहली, कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर को टैग किया था.
आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म गुलाबो सिताबो में बेगम का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस फारुख जफर को खूब सराहना मिल रही है. उन्होंने डायरेक्टर शूजित सरकार की फिल्म में अमिताभ बच्चन के किरदार मिर्जा की पत्नी का रोल निभाकर सभी का दिल जीत लिया है. 87 साल की फारुख जफर बॉलीवुड इंडस्ट्री में लम्बे समय से काम कर रही हैं. उन्होंने बॉलीवुड के तीनों खान- शाहरुख, आमिर और सलमान संग काम किया हुआ है.
टि्वटर पर सोशल मीडिया यूजर ने अमिताभ बच्चन को टैग करते हुए लिखा, ' कैस आप अमेज़न प्राइम वीडियो के छोटे स्क्रीन पर फिट बेठैंगे. आपको बड़े स्क्रीन की जरूरत है.' इस पर अमिताभ बच्चन ने रिट्वीट करते हुए लिखा, 'घर में नहीं दाने , अम्मा चलीं भुनाने.' यह डायलॉग अमिताभ बच्चन के फ़िल्म में मौजूद है.
शूजित सरकार की गुलाबो सिताबो की कहानी का मुख्य किरदार एक हवेली है. गुलाबो सिताबो दरअसल उन दो कठपुतलियों का नाम है जो सूत्रधार की तरह पात्रों की फितरत को अपने तमाशे में बताती हैं. फ़िल्म की कहानी 78 साल के लालची, झगड़ालू, कंजूस और चिड़चिड़े स्वभाव के मिर्ज़ा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी जान उस हवेली में बसती है. हवेली मिर्ज़ा की बीवी फातिमा की पुश्तैनी जायदाद है. इसीलिए इसका नाम फातिमा महल है. मिर्ज़ा पैसों के लिए हवेली की पुरानी चीज़ों को चोरी से बेचता रहता है. उसे ख़ुद से 17 साल बड़ी फातिमा के मरने का इंतज़ार है ताकि हवेली उसे मिल सके.
फ़िल्म का बड़ा हिस्सा इन दोनों की खींचतान पर ख़र्च किया है, जो एक समय के बाद नीरस और उबाऊ लगने लगती है. कहानी में मोड़ तब आता है, जब मिर्ज़ा एक वकील के साथ मिलकर बिल्डर को हवेली बेचने की तैयारी कर लेता है. तभी पुरातत्व बांके भी एक बिल्डर को ले आता है. ऐसे में हवेली किसे मिलती है, ये देखना दिलचस्प होगा.
एक्टिंग
सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को मिर्ज़ा बनाने के लिए उनकी नाक प्रोस्थेटिक मेकअप से लम्बी कर दी गयी है. ढीला कुर्ता और पजामा पहनाया गया है. फिल्म में शुरू से लेकर अंत तक अमिताभ बच्चन छाए हैं और मिर्जा के किरदार को बड़ी ही खूबसूरती से उन्होंने पेश किया है. वहीं आयुष्मान खुराना इस बार एक देहाती किरदार निभा रहे हैं. लखनऊ के एक दुकानदार का लहजा और बॉडी लेंग्वेज उन्होंने बखूबी पकड़ा है. सृष्टि श्रावास्तव, विजय राज़ और बृजेंद्र काला अपने-अपने किरदारों में फिट नज़र आते हैं.
निर्देशन
शूजित सिरकार का कसा हुआ निर्देशन फिल्म की खासियत है. फिल्म की कहानी अमिताभ और आयुष्मान के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन ये किरदार मूर्खता भरे हैं. वहीं पर महिला किरदारों को तेज तर्रार और बुद्धिमान दिखाया गया है. सिनेमैटोग्राफर अविक मुखोपाध्याय ने लखनऊ के पुराने हिस्सों को बेहतरीन ढंग से कैमरे में कैद किया है. शांतनु मोइत्रा का बैकग्राउंड स्कोर साधारण है.