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Exclusive: सोनू सूद ने कहा- मजदूरों को परिवार के साथ पैदल चलता देख टूट गया था…

sonu sood exclusive interview: अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. वह इन दिनों मुंबई में फंसे अलग अलग राज्यों के प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को घरों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं. लोग लगातार सोशल मीडिया पर उनसे मदद मांग रहे हैं और अभिनेता आगे बढ़कर उनकी मदद कर रहे हैं. सोनू सूद की दरियादिली का हर कोई कायल हो गया है.

अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. वह इन दिनों मुंबई में फंसे अलग अलग राज्यों के प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को घरों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं. लोग लगातार सोशल मीडिया पर उनसे मदद मांग रहे हैं और अभिनेता आगे बढ़कर उनकी मदद कर रहे हैं. सोनू सूद की दरियादिली का हर कोई कायल हो गया है. सोनू सूद ने बुधमनी मिंज (prabhatkhabar.com) से बातचीत में बताया कि क्‍यों उन्‍होंने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का फैसला किया. पढ़ें इंटरव्‍यू…

कैसे ख्‍याल आया कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचना है ?

मैंने जो किया वो मेरी ड्यूटी थी. मुझे बड़ी तकलीफ होती थी और मैं अंदर से टूट जाता था जब मैं प्रवासी मजदूरों को बच्‍चों और परिवार के साथ पैदल चलते देखता था. मुझे लगा कि उनलोगों को जिन्‍होंने हमारे घर बनाए, सड़क बनाए, हम उन्‍हें ऐसे बीच रास्‍ते में नहीं छोड़ सकते. हमें उनकी मदद करनी चाहिए. मैंने कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, बिहार सरकार से बात की, उनलोगों से बात की, इसके बाद मैंने उन्‍हें घर पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया. मुझे ऐसा करना ही था. मेरा मानना है कि आप घर में बैठकर सोशल मीडिया या ट्विटर पर मैसेज करके यह नहीं कर सकते हैं कि आप उनके साथ हैं और उनके दर्द को महसूस कर रहे हैं. सामने आकर कुछ करना जरूरी हैं. मैं यह नहीं कहता कि सबको बाहर आना जरूरी है या सब बाहर आ जाएं. शायद ईश्‍वर ने मेरे हाथों में वह ताकत दी कि‍ मैं सामने आकर कुछ कर सकूं. मैं खुद को खुशकिस्‍मत मानता हूं कि मैं यह कर पाया. मैं मानता हूं कि इन्‍हें इस वक्‍त सबसे ज्‍यादा जरुरत है विश्‍वास की. इन्‍हें करीब से विश्‍वास दिलाना जरूरी था कि लोग उनके साथ खड़े हैं. बस खुश हूं मैं ऐसा कर पाया.

सोशल मीडिया पर लोग दूसरे सितारों को भी आपकी तरह काम करने को कह रहे हैं, आप क्‍या कहना चाहेंगे ?

सेलीब्रिटीज हमेशा किसी ने किसी तरह से मदद के लिए आगे आये हैं. उन्‍होंने डोनेशन दिया है, लोगों के घरों में खाना पहुंचाया है, जो वाकई सराहनीय है. मैं नहीं कहता कि सभी सेलिब्रिटीज को फील्‍ड पर ही रहना चाहिए. सभी अपनी-अपनी तरह से मदद के लिए आगे आ रहे हैं जो वाकई काबिले तारीफ है. मैंने बाहर आकर उनका हाथ थामने का रास्‍ता चुना. सभी लोग बेहतर काम कर रहे हैं.

इस मुश्किल घड़ी में लोगों से क्‍या कहना चाहेंगे ?

मैं हमारे भारत देश के लोगों से यही कहना चाहूंगा कि यह जो विपदा आई है, दुनिया ने देखा है, ऐसी परिस्थितियों से हमारा देश हमेशा ही बाहर निकला है. हम भी निकलेंगे. हिंदुस्‍तान ने हमेशा ही मुश्किल समय में एकजुटता दिखायी है. हम सबसे हमेशा सबसे अलग रहे हैं और साथ मिलकर लड़े हैं. हम कोरोना वायरस को भी हरायेंगे. बस हमें एकजुट और जिम्‍मेदार होने की जरुरत है. हम जल्‍द से जल्‍द इस विपदा से बाहर निकल आयेंगे.

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आपके साथ कौन-कौन सहयोग कर रहे हैं ?

कोई अकेला किसी भी काम को पूरा नहीं कर सकता. मेरे साथ इस काम में मेरे बहुत से दोस्‍त जुड़े हैं. मेरी बचपन की दोस्‍त नीति गोयल मेरे साथ हैं, हम एक पूरी टीम बनाकर काम करते हैं. मेरा पूरा परिवार इस काम में मेरे साथ जुड़ा है. उनका एनर्जी लेवल कमाल का है. मेरे दोस्‍त, मेरे चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज और 10 से 12 लोगों की टीम जो सभी लोगों का रिकॉर्ड बनाने में लगी रहती है, मेरा मानना है कि अकेले कोई भी जंग जीती नहीं जा सकती.

लोगों के बीच आप जाते हैं तो खुद का कैसे ख्‍याल रखते हैं ?

आप रोड पर उतरते हैं, लोगों के बीच जाते हैं तो आपको खुद की सुरक्षा का ध्‍यान रखना भी जरूरी होता है. मैं और मेरी पूरी टीम सेफ्टी किट्स पहनते हैं. साथ ही लोगों को भी बताना जरूरी होता है कि आपकी सुरक्षा आपके हाथों में हैं. मैं जब लोगों को बसों में चढ़ाने जाता हूं तो बहुत लोग बिना मास्‍क पहने नजर आते हैं. मैं सभी से कहता हूं कि मास्‍क पहनें और अपने हाथ सेनेटाइज करते रहें. मुझे लगता है कि छोटे-छोटे मैसेज से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी.

ठेके वाले सवाल पर क्‍या कहना चाहेंगे ?

(हंसते हुए) कुछ लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं ठेके पर जाना चाहता हूं तो मुझे पहुंचा दो, मैंने कहा कि मैं ठेके से उन्‍हें घर तक पहुंचा सकता हूं. हल्‍के मैसेज भी होने चाहिए. इससे लोगों को मनोरंजन होगा. इस मुश्किल घड़ी में लोगों के चेहरे पर थोड़ी मुस्‍कान आएगी. इसलिए मैं उन्‍हें वैसे ही जवाब देता हूं जैसे उनके सवाल होते हैं.

लोगों को इतना प्‍यार देखकर कैस महसूस कर रहे हैं ? क्‍या कहना चाहेंगे.

मुझे लोगों की दुआएं मिल रही है. फोन आ रहे हैं मैसेज आ रहे हैं. उन्‍होंने यही कहा कि आपने हजारों परिवारों को मिलाने का जो काम किया है उसे कोई भूल नहीं पाएगा. उनकी आंखों में खुशी के आंसू मेरे लिए किसी अवॉर्ड से कम नहीं है. मैं सभी लोगों से यही गुजारिश करूंगा कि आप अपने किचन में किसी एक इंसान के लिए एक्‍स्‍ट्रा खाना जरूर बनाएं. वो आपका वॉचमैन या घर पर कामे करनेवाला भी हो सकता है. ऐसे में कोई इंसान कभी भूखा नहीं मरेगा. लोगों ने जो सम्‍मान और प्‍यार दिया है मैं उसे शब्‍दों में बयां नहीं कर सकता. बस यही कहूंगा कि लोगों की जो उम्मीदें है मैं उसपर खरा उतर पाऊं. मैं जब तक सभी प्रवासी मजदूरों को उनके घर नहीं पहुंचा देता मैं चैन से नहीं बैठूंगा.

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