फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी है. अब उन्होंने एक शॉकिंग बयान दिया. जिसमें कहा कि फिल्म इंडस्ट्री ने सुशांत सिंह राजपूत को "नजरअंदाज" किया. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के खिलाफ "बहिष्कार संस्कृति" के बारे में भी बात की. मधुर ने अपने पॉडकास्ट पर मनीष पॉल से कहा, “मैंने देखा है कि यह (बायकॉट) बड़े पैमाने पर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद हुआ. हो सकता है कि इंडस्ट्री ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया हो... वो नॉन-फिल्मी बैकग्राउंड से थे और वो आए और उन्होंने स्ट्रगल किया... हालांकि बाद में उनका अचानक यूं इस दुनिया को छोड़ देना और वहीं से जनता के बीच गुस्सा और बढ़ गया. यह जनता की राय है.
मधुर ने बायकॉट ट्रेंड पर कही ये बात
मधुर ने आगे कहा, 'ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है. जैसे गंगूबाई काठियावाड़ी के मामले में, लोगों ने इसे देखा और यह अच्छा रहा. मुझे लगता है कि यह (बायकॉट ट्रेंड) एक चरण है. अगर फिल्म अच्छी है और कंटेंट दमदार है, तो लोग जाकर देखेंगे. लोगों ने कंतारा, द कश्मीर फाइल्स, भूल भुलैया 2 देखी, ऐसा नहीं है कि लोग फिल्में देखने नहीं जाते हैं."
सुशांत सिंह के फैंस करते हैं बॉलीवुड को बायकॉट करने की मांग
जून 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु के बाद से, उनके फैंस और इंडस्ट्री के कई सेलेब्स ने दावा किया है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में कुछ बड़े नामों ने अभिनेता को दरकिनार कर दिया और उनकी उपेक्षा की. जून 2020 से, कई ऑनलाइन रुझान भी सामने आए हैं, जिनमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ सबसे बड़े सितारों की फिल्मों पर बैन लगाने की मांग की गई. आलिया भट्ट उन लोगों में शामिल थीं, जिन्हें इंडस्ट्री में काम करने वाले स्टार किड्स होने के कारण निशाना बनाया गया था. संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी पिछले साल आई थी, और रिलीज से पहले बहिष्कार कॉल का सामना करना पड़ा. हालांकि, इसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया.
सुशांत सिंह के बारे में
सुशांत की 2016 की स्पोर्ट्स ड्रामा, एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी, 12 मई को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज होने के लिए तैयार है. उन्हें अपने प्रदर्शन के लिए उस वर्ष के पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में कई नामांकन भी मिले. नीरज पांडे द्वारा निर्देशित इस फिल्म में कियारा आडवाणी, दिशा पटानी, अनुपम खेर और भूमिका चावला भी है.