Javed Akhtar ने ट्रोल्‍स को दिया करारा जवाब – नफरत का नशा छोड़ दो…

Javed Akhtar Tweet : लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. हर तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) का आतंक छाया हुआ है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक यूजर ने गीतकार और लेखक जावेद अख्‍तर को ट्रोल किया तो उन्‍होंने उसे करारा जवाब दिया.

By Budhmani Minj | March 30, 2020 6:20 PM

लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. हर तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) का आतंक छाया हुआ है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक यूजर ने गीतकार और लेखक जावेद अख्‍तर को ट्रोल किया तो उन्‍होंने उसे करारा जवाब दिया. ट्विटर यूजर ने तंज कसते हुए जावेद अख्‍तर से पूछा,’ जावेद अख्‍तर जी कहां हो, देश के बारे में अपनी राय दीजिए या बिल में छुपे रहोगे. आपकी राय की देश को जरूरत है, आपकी सेक्युलर गैंग नहीं दिख रही है.’

जावेद अख्‍तर ने यूजर को करारा जवा‍ब देते हुए लिखा,’ भाई कम से कम कुछ दिनों के लिए नफरत का नशा छोड़ दो. मेरे जैसे लोग जो भी कर सकते हैं और जितना भी कर सकते हैं. तुम बस इतना करो कि दूसरों से पूछने की बजाय ये बताते रहो कि तुम क्या कर रहे हो?”

बता दें कोरोना वायरस भारत में भी पैर पसार रहा है. बता दें कि देश में कोविड-19 मामलों की संख्या सोमवार को 1,017 पर पहुंच गई जबकि बीमारी से मरने वालों की संख्या 29 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 942 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि 99 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है और एक व्यक्ति यहां से चला गया है.

अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे की खबर के अनुसार द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी (आईआरपीएस) ने बीती 26 मार्च को आपातकालीन राहत पैकेज की घोषणा की थी. जावेद अख्तर आईआरपीएस के अध्यक्ष हैं. इसके तहत उन सभी सदस्यों की मदद करेंगे जो 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से प्रभावित होंगे. वह तीन हफ्तों तक अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए बॉलीवुड सेलेब्‍स भी अपना योगदान दे रहे हैं. अक्षय कुमार, वरुण धवन, अनुष्का शर्मा-विराट कोहली, कार्तिक आर्यन, भूषण कुमार, शिल्‍पा शेट्टी और प्रभास समेत कई स्टार्स नरेंद्र मोदी के पीएम केयर्स फंड में अनुदान दे चुके हैं. रजनीकांत, सलमान खान, रोनित रॉय और विवेक अग्निहोत्री जैसे कई सेलेब्स लॉकडाउन के दौरान परेशानी झेल रहे दैनिक वेतन भोगियों की मदद में लगे हुए हैं.

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