प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक तलत अज़ीज (Talat Aziz) इनदिनों अपने अभिनय को लेकर भी चर्चा में हैं. उनकी फ़िल्म गुलमोहर ने हाल ही में ओटीटी में दस्तक दी है. वह अभिनय की अपनी इस दूसरी पारी को एन्जॉय कर रहे हैं. उनकी इस फ़िल्म और करियर पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत.
गुलमोहर फ़िल्म से किस तरह से जुड़ना हुआ?
मुझे फ़िल्म के निर्देशक राहुल का कॉल आया. उसने मिलने को कहा. मैंने बोला कि ऑफिस में नहीं घर पर आओ. खाना खाएंगे और स्क्रिप्ट पर बात करेंगे. पसंद आया तो करेंगे नहीं तो कोई बात नहीं. वह आया उसने कहा कि ये कैमियो रोल है, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण किरदार है और हम चाहते हैं कि आप गाना भी गायें क्योंकि रोल ही ऐसा है. मेरे गाने से कहानी खुलती है. फ़िल्म की शूटिंग फ़रवरी में ही होने वाली थी लेकिन ओमिक्रोन की वजह से शर्मीला जी नहीं आ पायी और शूटिंग डेढ़ महीने देर से शुरू हुई. उसके बाद दिल्ली में शूटिंग हुई.
इस फ़िल्म में अभिनय के कई बड़े नाम हैं, कितने सहज थे ?
शर्मीला जी को पहले से जानता हूं. मनोज बाजपेयी से फ़िल्म की शूटिंग से एक कैफ़े में मिला था. वैसे मेरे लिए भी एक्टिंग नया नहीं है. इससे पहले मैंने फितूर और मॉडर्न लव में किया है.मैं इस फेज को एन्जॉय कर रहा हूं. कुछ दिनों पहले शर्मीला जी का फोन आया कि क्या आपने गुलमोहर देख ली. मैंने बताया कि अपने बिजी शेड्यूल की वजह से नहीं देख पाया. मेरे कॉन्सर्ट्स और क्लासेज रहते हैं, जल्द ही देखूंगा. उन्होंने कहा कि जरूर देखो. तुमने बहुत अच्छा काम किया है. तुम नेचुरल एक्टर हो और काम करो. मैंने बोला आपने कहा है, तो जहनसीब.
90 के दशक में महेश भट्ट आपको लीड एक्टर के तौर पर लॉन्च करने वाले थे, लेकिन फ़िल्म नहीं बन पायी उस बात का कभी अफसोस होता है?
जो हुआ क्यों हुआ. मैं ये नहीं सोचता. मैं हमेशा आगे की सोचता हूं. मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं कि अभी तक यहां पर हूं बतौर सिंगर ही सही.
महेश भट्ट के बाद क्या किसी और मेकर ने आपको 90 के दशक में फिल्मों में एक्टिंग ऑफर किया था?
यह साल 89 की बात है.महेश भट्ट वाली फ़िल्म नहीं हुई. उसके बाद मैं अमेरिका जाकर सेटल हो गया था. 94 में वापस आया और अपना म्यूजिक का करियर फिर से शुरू किया. उस वक़्त टेलीविज़न नया -नया शुरू हुआ था. उससे जुड़ गया. सहर, घुटन, दिल अपना प्रीत परायी किया.उसमें मैं एक्टर था, लेकिन मैं म्यूजिक में सबसे ज्यादा बिजी था. उस वक़्त टेलीविज़न के लगभग सारे गाने मैं ही कंपोज करता था. फिल्मों में एक्टिंग का कोई ऑफर आया नहीं. मैं किसी के पास कभी एक्टिंग में काम मांगने नहीं गया. इंडस्ट्री में सब मुझे जानते हैं. मैं सबको जानता हूं, लेकिन काम मांगने नहीं गया है. जिसको देना होगा वो सामने से देगा.
एक्टिंग को फिर से मौका देने के बारे में आपने कब सोचा.
सोचा नहीं बस होता चला गया. फ़िल्म फितूर के लिए निर्देशक गट्टू (अभिषेक) ने सामने से मुझे अप्रोच किया था. मैंने बोला क्यों करुं. उसने कहा कि दो चीज़ें हैं. एक आप पूरी तरह से मेरे किरदार लगते हैं.दूसरा हम इस फ़िल्म की शूटिंग हम कश्मीर में कर रहे हैं. मैंने कहा कि तबक माज खिलाओगे. उसने कहा जरूर.शूटिंग का अनुभव बहुत खास था. फ़िल्म भी अच्छी थी, लेकिन चली नहीं. गट्टू ने मुझे बताया कि फ़िल्म क्यों नहीं चली, लेकिन वो में आपको नहीं बता पाऊंगा. 2016 के बाद मैं अपने कांसर्ट्स, ट्रेवलिंग में बिजी हो गया. उसके बाद मॉडर्न लव का ऑफर आ गया. निर्देशक हंसल मेहता से मैं कभी मिला नहीं था, लेकिन ये मालूम था कि संवेदनशील इंसान हैं. जब मिले तो मालूम हुआ कि मेरे फैन हैं और मेरी तरह वो भी खाने के शौकीन हैं, तो हमारी फ़िल्म पर आपस में सहमति हो गयी.
मौजूदा दौर में सबकुछ प्रोफेशनल है, लेकिन क्या पहलू है जो आपको असहज भी कर देता है?
आजकल कास्टिंग डायरेक्टर्स बहुत हैं, तो उनके कॉल आते रहते हैं कि सर ये है. सर वो हैं. मैं बोलता हूं कि क्या चाहिए बेटा. सर बस आप चार लाइने कैमरे के सामने बोल आकर दीजिए. भाई ये समझिए मैं कोई वना बी एक्टर नहीं हूं.मैं चार लाइनें बोलने के लिए आपके ऑफिस नहीं आऊंगा.
क्या आप अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखना चाहेंगे?
मैंने लगभग लिख लिया है. मेरी ख्वाहिश है कि उसके ऊपर एक सीरीज बननी चाहिए,क्यूंकि मेरी जिंदगी में बहुत उतार -चढ़ाव रहे हैं.बहुत ड्रामा है. मैं जब पहली बार मुंबई आया. वो बहुत ही रोचक है. क्रिकेटर से कैसे म्यूजिक में आया.वो बहुत दिलचस्प है. मैंने अपनी जिंदगी में बहुत सी गलतियां भी की हैं. उनको भुगता है. ये सब बहुत खास मेरी जिंदगी को बनाता है.
आप किस एक्टर को चाहते हैं कि आपका किरदार करे?
मैं चाहूंगा कि मेरा बेटा मेरे युवा वाला किरदार निभाए. वो अच्छा एक्टर है.
क्या आपके बेटे म्यूजिक में रुझान नहीं रखते हैं?
बड़ा वाला रखता है, लेकिन अलग तरह के. छोटा वाला बेटा वकील से फोटोग्राफर बना है. मेरे बेटों ने खुद अपना करियर चुना है.मैं कैसे बोल सकता हूं कि क्या करो. वो उनपर है कि वो क्या करना चाहते हैं.मेरे पिता ब्यूरोरेट्स थे. मां राइटर थी. मेरी फैमिली में कोसो दूर तक कोई सिंगर नहीं था, लेकिन में संगीत से जुड़ गया. मुझे मेहंदी हसन साहब ने ग्रूम किया. सिखाया. अपना बेटा बनाया और फिर सब होता चला गया.
आप आज के संगीत में क्या सुनना पसंद करते हैं?
आज के संगीत में कुछ सुनने को नहीं है.वैसे में अपने ही संगीत में बिजी रहता हूं. लाइव शो को बहुत एन्जॉय करता हूं.मैं लाइव शो में ब्रेक नहीं लेता हूं. मैं नों स्टॉप गाता हूं ढाई घंटे तो आराम से मैं और मेरे पांच म्यूजिशियन गा लेते हैं.इस दौरान दर्शक भी नहीं हिलते हैं. देखकर बहुत अच्छा लगता है.
आपके आनेवाले एक्टिंग के प्रोजेक्ट्स कौन से हैं?
हंसल मेहता की स्कैम 2 में हूं. उसमें मैं तेलगी का ससुर बना हूं, जो समझ लेता है कि ये गड़बड़ है. मेरा बहुत ड्रामाटिक रोल है.दस एपिसोडस की सीरीज है. उसमें पांच एपिसोडस तक मेरा रोल है.यशराज की फाइटर फ़िल्म में ऋतिक के पिता की भूमिका में हूं, लेकिन छोटा सा रोल है. सिद्धार्थ आनंद ने कहा कि आपकी पर्सनालिटी मिलती है.आप कर लीजिए तो कर लिया. वैसे एक वेब सीरीज और है, लेकिन उसके बारे में बात नहीं कर पाऊंगा.