जागरूक कार्यकर्ता संपत पाल फिल्म ‘गुलाब गैंग’ के निर्माताओं से जरूर क्रोधित हो सकती हैं लेकिन माधुरी दीक्षित के चरित्र से वे खुद को जुड़ा हुआ पाती हैं. उन्हें माधुरी के चरित्र में खुद की छवि नजर आती है. संपत के अनुसार, यह बिल्कुल ऐसा है जैसे ‘पर्दे पर मैं ही हूं.’ जागरूक समूह ‘गुलाब गैंग’ की संस्थापक पाल ने कहा, फिल्म को लेकर मेरी लड़ाई अब भी जारी है.
जब तक मेरी मांग नहीं मान ली जाती तब तक मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. हालांकि माधुरी ने निश्चित ही अपनी अभिनय क्षमता से मुङो प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, अपने जीवन के जिस दौर से मैं गुजर चुकी हूं, माधुरी के अभिनय ने वो यादें ताजा कर दीं. उन्होंने यह भी कहा कि अभिनेत्रियों को लेकर उनका कोई विरोध नहीं है, उनका विरोध अभिनव सिन्हा सहित फिल्म के निर्माताओं से है.
फिल्म की रिलीज रोकने के लिए पाल ने अदालत का रुख किया था. उन्होंने दावा किया था कि फिल्म बनाने से पहले उनकी मंजूरी नहीं ली गयी थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह मानहानि का मामला है जिससे उनकी प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है.
वृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशभर में फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी थी लेकिन न्यायालय ने यह निर्देश दिया था कि फिल्म दिखाने से पहले यह खंडन संदेश प्रसारित किया जाये कि फिल्म की कहानी का पाल के जीवन या उनके संगठन से कोई संबंध नहीं है.