नयी दिल्ली: अपने टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ के माध्यम से भले ही अभिनेता आमिर खान सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हों लेकिन उनका राजनीति की दुनिया में कदम रखने का कोई इरादा नहीं है. आमिर को लगता है कि वह राजनीति के क्षेत्र में फिट नहीं होंगे.
हिन्दी सिनेमा के 48 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि वह कलाकार होते हुए भी समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं लेकिन वह स्वयं को कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं मानते और वह राजनीति में नहीं आएंगे.
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आमिर ने कहा, ‘‘मैं जहां हूं वहीं से एक बड़ा योगदान देना है. यह बड़ी जिम्मेदारी है. इसके अलावा मुझे नहीं लगता कि मैं राजनीति की दुनिया से जुड़ सकता हूं. वहां मैं इतना प्रभावी नहीं हो सकूंगा, मैं वहां काम नहीं कर पाउंगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक रुप से अच्छे काम करने के लिए आपका राजनीति में होना जरुरी नहीं है. मेरा मानना है कि मैं जहां हूूं वहीं से बड़े योगदान दे सकता हूं. यही वजह है कि मैं राजनीति में नहीं जाउंगा.’’ कभी अन्ना हजारे आंदोलन का समर्थन करने वाले आमिर का कहना है कि वह किसी खास पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन वह अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के स्वराज की विचारधारा से इत्तेफाक रखते हैं.
अभिनेता आमिर खान ने कहा, ‘‘मैं स्वराज के सिद्धांत से सहमत हूं. ज्यादातर दल कहते हैं कि हम आपको सुशासन देंगे लेकिन वे (आप) कह रहे हैं कि आप शासन प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. लेकिन मैं जल्दीबाजी में समर्थन नहीं करुंगा क्योंकि अभी उनका परीक्षण होना बाकी है.’’ पसंदीदा राजनीतिक दल के संबंध में पूछने पर आमिर ने कहा कि किसी भी तरीके से चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना उनके लिए अनुचित होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘किसी राजनीतिक दल का नाम लेना उचित नहीं होगा.. मैं किसी भी रुप में प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहता हूं. यदि हमें लगता है कि कोई और आकर हमें बचाएगा तो हम कभी चीजों को बदल नहीं सकेंगे. महीसा बाहर से नहीं आता है यह हमारे भीतर है.’’ अभिनेता का कहना है, ‘‘कमोबेश सभी राजनीतिक दल एक से ही हैं. मुङो नहीं लगता कि यदि एक दल को बहुमत मिला तो वह कुछ भी बदलाव करेगा