मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि गायिका लता मंगेशकर ने आवास योजना पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों का उल्लंघन किया है, हालांकि लता ने आरोपों को खारिज कर दिया. अदालत लता मंगेशकर की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
लता ने इस साल 4 जनवरी को एक सरकारी विभाग द्वारा उन्हें जारी एक नोटिस को चुनौती दी है जिसमें कहा गया था कि कोल्हापुर में अपनी जमीन पर अचल संपत्ति को बेचने से पहले उन्हें अनुमति लेनी थी. राज्य सरकार ने आज एक हलफनामे में कहा कि आवास योजना को लागू करने की जिस समय सीमा का प्रस्ताव गायिका ने दिया था उसे जुलाई 2011 में समाप्त होना था. पर, उनके अनुरोध पर राज्य सरकार ने समय सीमा बढ़ाकर अक्तूबर 2014 कर दी.
हालांकि समय सीमा बढ़ाए जाने पर राज्य सरकार ने कहा कि उसने लता मंगेशकर को यह कह कर दंडित भी किया है कि उन्हें 2011 से 2014 तक प्रति वर्ष 5 रुपया प्रति वर्ग फुट की दर से रकम भी अदा करनी होगी लेकिन उन्होंने इसका भुगतान नहीं करने का विकल्प चुनकर शर्तों का उल्लंघन किया. लता के वकील ने आज दलील दी कि उन्होंने शर्तों का पालन करने से इनकार कर दिया क्योंकि वे बेवजह थे. वकील ने इस बात से इनकार किया कि गायिका ने इसका उल्लंघन किया है जैसा कि राज्य सरकार आरोप लगा रही है.
न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई इसके गुण दोष के आधार पर दो हफ्ते बाद की जाएगी. बहरहाल, लता ने 4 जनवरी को जारी किए नोटिस को रद्द करने की मांग की है. गौरतलब है कि कोल्हापुर में लता की 38, 623 वर्ग मीटर जमीन है और इसे वह आवासीय एवं वाणिज्यिक किराये के लिए विकसित करने के लिए देना चाहती थी.