मुंबई :लेखक-निर्देशक हंसल मेहता ने सेंसर बोर्ड पर फिल्म की रेटिंग के दौरान भेदभाव का आरोप लगाते हुए है कि उनकी फिल्म ‘शाहिद’ को ‘ए’ रेटिंग दी गयी लेकिन ‘रामलीला’ और ‘मद्रास कैफे’ जैसी बड़ी फिल्मों को यू:ए प्रमाण पत्र दिया गया जबकि उनमें हिंसक दृश्य थे.
मेहता ने एक आरटीआइ दायर करके केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से इन दोनों फिल्मों को दी गयी रेटिंग के बारे में सूचना मांगी है.