फिल्मकार विशाल भारद्वाज को किसी और की फिल्म का निर्माता बनना पसंद नहीं. वे सिर्फ उन्हीं फिल्मों के निर्माता बनना पसंद करते हैं जिन फिल्मों के निर्देशक वे स्वयं हों. विशाल ने कहा, मैं फिल्मों का निर्माण बंद करना चाहता हूं. इस ऊर्जा को मैं स्वयं के लिए बचाकर रखना चाहता हूं. मैं फिल्म निर्माण को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं हूं. मैंने यह सिर्फ अभिषेक चौबे (फिल्म ‘डेढ. इश्किया’ के निर्देशक) के लिए की, वे मेरे भाई जैसे हैं. मैं मेघना गुलजार की एक फिल्म का भी निर्माता हूं, वे मेरी बहन की तरह हैं.
विशाल कहते हैं, मैं सिर्फ उन्हीं फिल्मों का निर्माता बनूंगा जिनका निर्देशन भी मैं ही करूं. विशाल ने बच्चों की फिल्म ‘मकड़ी’ (2002) से फिल्म क्षेत्र में कदम रखा था, इस फिल्म को समीक्षकों से काफी सराहना मिली थी. बाद में उन्होंने ‘मकबूल’ (2003), ‘ओंकारा’ (2006) और कई अन्य फिल्में कीं.जिन फिल्मों के वे सिर्फ निर्माता रहे वे फिल्में हैं – ‘नो स्मोकिंग’ (2007), ‘इश्किया’ (2010), ‘एक थी डायन’ (2013) और ‘डेढ. इश्किया’ (2014).