पुणे :अभिनेता संजय दत्त को एक माह के थोड़े से ज्यादा अंतराल पर दूसरी बार पेरोल पर रिहा किए जाने के मामले में यहां विवाद गहरा गया है, जहां इस आदेश की जांच के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से आज यरवदा जेल के सामने प्रदर्शन किया गया.
जेल प्रशासन की सिफारिश पर कल पुणो के संभागीय आयुक्त प्रभाकर देशमुख ने संजय को पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी.
इससे पहले दत्त (53) ने स्वास्थ्य आधार पर एक महीने की फरलो (छुट्टी) भी ली थी, जिसके बाद वह 30 अक्तूबर को जेल लौट आए थे. इस बार दत्त ने अपनी पत्नी मान्यता का स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देते हुए पैरोल पर रिहा किए जाने का आग्रह किया था.
हालांकि, आज सुबह अखबारों में प्रकाशित तस्वीरों में मान्यता को कथित रुप से एक फिल्म की स्क्रीनिंग और जन्मदिन के उत्सव में शिरकत करते दिखाया गया था, जिसके बाद दत्त के इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने इस विवाद पर संज्ञान लेते हुए बॉलीवुड अभिनेता को पैरोल दिए जाने के आधार का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं.
पाटिल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘संभागीय आयुक्त ने पैरोल दिया है. हम इस मामले को देख रहे हैं और वे दस्तावेज मांगगये हैं, जो पैरोल दिए जाने का आधार बने हैं.’’
वर्ष 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में अवैध हथियार रखने के लिए शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराये गये संजय दत्त ने अपनी पत्नी मान्यता का स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देते हुए जेल से अस्थायी तौर पर रिहा किये जाने का आग्रह किया था.
जेल प्रशासन की सिफारिश पर कल पुणे के संभागीय आयुक्त प्रभाकर देशमुख ने संजय को पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दे दी थी.
आरपीआई कार्यकर्ताओं ने संजय के साथ विशेष व्यवहार करने और बेवजह उनका पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए जेल प्रशासन की निंदा की, उसके खिलाफ नारे लगाये और काले झंडे दिखाये. उन्होंने संजय को मिली पैरोल रद्द करने की भी मांग की.
प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने बताया अगर संजय के साथ खास सलूक किया और उन्हें राहत दी गयी तो हम महाराष्ट्र में जेल भरो आंदोलन करेंगे क्योंकि संजय अन्य कैदियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार के ही हकदार हैं. 53 वर्षीय संजय अपनी पांच साल की सजा में से बची हुई सजा काट रहे हैं. उन्होंने चिकित्सकीय आधार पर अक्तूबर में एक माह की छुट्टी ली थी.
जेल के सूत्रों ने बताया कि संजय को पैरोल पर रिहा करने की तारीख अभी तय नहीं की गयी है.उन्हें इस साल मई में मुंबई की आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल स्थानांतरित किया गया था.
संजय दत्त को पत्नी की बीमारी के कारण छुट्टी मिली है, लेकिन दो दिन पहले उन्हें एक पार्टी में देखा गया था, जिसके कारण यह सवाल उठाये जा रहे हैं कि आखिर संजय दत्त पर इतनी मेहरबानी क्यों?
1993 के बंबई बम विस्फोटों के मामले में यहां यरवदा जेल में कैद अभिनेता संजय दत्त का महीने भर का पैरोल मंजूर कर लिया गया है. जिला प्रशासन ने आज यह जानकारी दी. 1993 के विस्फोटों के सिलसिले में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराए जाने पर दत्त सजा काट रहे हैं. उन्होंने पुणे के डिवीजनल आयुक्त प्रभाकर देशमुख के पास पैरोल की अर्जी दी थी, उनके पास ही पैरोल देने का अधिकार है.
देशमुख ने बताया, जेल अधिकारियों की सिफारिश पर उन्हें एक महीने का पैरोल दिया गया है. औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पैरोल पर उन्हें रिहा करने की तारीख पर फैसला किया जाएगा. जेल उप महानिरीक्षक आर धमने ने कहा कि जेल प्रशासन को डिवीजनल आयुक्त से अभी पैरोल मंजूरी का आदेश नहीं प्राप्त हुआ है.
जेल सूत्रों ने बताया कि यदि औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद आदेश मिल जाता है तो दत्त को कल रिहा किया जा सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले दत्त ने 15 दिनों का फरलो (छुट्टी) भी लिया था, जिसे मेडिकल आधार पर अक्तूबर में और 15 दिनों के लिए बढ़वा लिया था.