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‘बजरंगी भाईजान” से मिलना चाहती है गीता

इंदौर : पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद पिछले महीने स्वदेश लौटी भारतीय लड़की गीता अपने चहेते बॉलीवुड स्टार सलमान खान से जल्द से जल्द मिलना चाहती है. सरकारी तंत्र इस मूक..बधिर लड़की की ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश कर रहा है. जिला प्रशासन ने आज जब एक सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ […]

इंदौर : पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद पिछले महीने स्वदेश लौटी भारतीय लड़की गीता अपने चहेते बॉलीवुड स्टार सलमान खान से जल्द से जल्द मिलना चाहती है. सरकारी तंत्र इस मूक..बधिर लड़की की ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश कर रहा है.

जिला प्रशासन ने आज जब एक सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ की मदद से संवाददाताओं के साथ गीता की बातचीत करायी, तो उसने सलमान से मिलने की हसरत इशारों की जुबान में फिर बयान कर दी. गीता ने शरारती हाव..भाव के साथ कहा, ‘सलमान ही मेरे माता..पिता को ढूंढ़ेंगे और मुझे मेरे घर तक छोड़कर आयेंगे.’ सलमान के प्रति प्रशंसा का इजहार करते हुए इस मूक..बधिर लड़की ने अपने गले में पहना लॉकेट संवाददाताओं को दिखाया.

यह वैसा ही लॉकेट है, जैसा लॉकेट इस बॉलीवुड स्टार ने अपनी मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में पहना था. इस बीच, जिलाधिकारी पी. नरहरि ने बताया, ‘हम सलमान के प्रबंधक से बात करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सलमान जल्द ही गीता से मुलाकात के लिये हमें समय देंगे. इसके बाद हम सरकार से मंजूरी लेकर गीता को सलमान से मिलवाने की कोशिश करेंगे.’

मूक..बधिरों और विकलांग लोगों के लिये स्थानीय तुकोगंज थाने में चलाये जा रहे पुलिस सहायता केंद्र के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता ने भारत वापसी से पहले भी सलमान से मिलने की इच्छा जतायी थी. पुरोहित वीडियो कॉल के जरिये सांकेतिक भाषा में गीता से तब कई बार बातचीत कर चुके हैं, जब वह पाकिस्तान में थी. पुरोहित ने कहा, ‘सलमान के लिये गीता के दिल में खास जगह है.

ऐसा इसलिये है क्योंकि इस मूक..बधिर लड़की के जीवन की सच्ची कहानी सलमान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ की सिनेमाई पटकथा की बुनियादी तासीर से काफी हद तक मिलती..जुलती है.’ कबीर खान के निर्देशन में बनी ‘बजरंगी भाईजान’ 17 जुलाई को परदे पर उतरी थी. इस फिल्म के भारतीय नायक ‘बजरंगी’ के रुप में सलमान पाकिस्तान की उस मूक..बधिर बच्ची को उसके मुल्क सही..सलामत पहुंचाकर आते हैं, जो अपने परिजन से बिछडकर भारत में ही छूट जाती है.

गीता 7..8 साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. उसे इधी फाउंडेशन की बिलकिस इधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा. वह पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद 26 अक्तूबर को ही भारत वापस लौटी.

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