UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव- 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तैयारी की साथ जुटी हुई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मतदाताओं को रिझाने और चुनाव प्रचार करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे हैं. इसी कड़ी में अब वह प्रभावी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं. कौन हैं प्रभावी मतदाता, वह हम आपको अब बताने जा रहे हैं...
प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम क्या है
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने रैलियों और रोड शो पर रोक लगने के बाद प्रभावी मतदाता संवाद के नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है. इसके जरिए लोगों से संवाद किया जा रहा है और बीजेपी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जा रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस समय बीजेपी नेता डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे हैं.
पश्चिमी यूपी पर बीजेपी का फोकस
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस है. लगातार जनसंपर्क किया जा रहा है. पहले और दूसरे चरण में पश्चिमी यूपी की अधिकांश सीटों पर मतदाना होना है. बीजेपी लोगों को रिझाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती है. इसी वजह से बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक ने पूरी तकात झोंक दी है. पश्चिमी यूपी के कई जिलों में 10 और 14 फरवरी को मतदान होगा.
प्रभावी मतदाता कौन हैं?
चुनाव प्रचार करने के लिए भाजपा के स्टार प्रचारक इस बार डोर-टू-डोर अभियान चलाने के साथ प्रभावी मतदाता संवाद भी कर रहे हैं. मथुरा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रभावी मतदाता संवाद में गुरुवार को साधु-संतों और स्थानीय जनता से संवाद किया था. ‘प्रभावी मतदाता संवाद’ कार्यक्रम में उन लोगों को स्थान दिया जा रहा है, जो मतदाताओं को भाजपा की ओर रिझाने का कार्य कर सकें.
विपक्ष पर बीजेपी का हमला
इस बीच भाजपा के स्टार प्रचारक नेता विपक्षी राजनीतिक दलों की पूर्ववर्ती सरकारों के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. वे योगी सरकार के शासन में अपराधियों पर नकेल और कोरोना काल में चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
अमित शाह ने खेला 'हिंदुत्व' और 'राष्ट्रवाद' का कार्ड
गुरुवार को मथुरा में आयोजित ‘प्रभावी मतदाता संवाद’ कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने मथुरा में मंदिर के निर्माण की ओर इशारों-इशारों में साधु-संतों को संदेश दिया था. वहीं, देर शाम ग्रेटर नोएडा में स्थानीय लोगों से संवाद कर देश की सीमा पर बढ़ी सुरक्षा के लिए मोदी सरकार का गुणगान कर रहे थे. हालांकि, भाजपा की इस पूरी कवायद का असर कितना होगा, यह 10 मार्च को पता चल जाएगा.
Posted By: Achyut Kumar