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Friday, March 29, 2024

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रावण सेना को कभी भी ‘जय श्री राम’ का नारा अच्छा नहीं लगता था, किस पर तंज कस रहे ‘रिंकिया के पापा’?

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान पर निशाना साधा है. उन्हेंने कहा कि रावण सेना को कभी जय श्री राम का नारा अच्छा नहीं लगता था. जो राम का या जय श्री राम का विरोध करते हैं, वो स्वयं ही देश में अलग-थलग हो जायेंगे.

Varanasi News: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी शनिवार को अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुंचे. यहां मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि देखिये आज काशी के लिए बहुत गौरवशाली दिन है. अभी तक काशी से बड़े बड़े हिंदी के सशक्त हस्त्ताक्षर निकले, लेकिन सरकार यहां पर इस स्तर का सम्मलेन करेगी, यह पहली बार हो रहा है. ये जो जगह संकुल बना है, ये सब काशी के लिए नई उपलब्धि है. मैं अमित शाह और नरेंद मोदी जी को धन्यवाद करता हूं.

फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत के बयान ‘आजादी 1947 में भीख में मिली है’ के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने किस परिप्रेक्ष्य में क्या कहा, इस में हमारी उनसे बात अभी नहीं हो पाई है. भारत को दागदार करने और नीचा दिखाने का हक किसी को नहीं होना चाहिए. नई बातें करनी अच्छी बात है. निःसंदेह नरेंद्र मोदी जी के आने के बाद गार्डियन ने भी लिखा एक नया भारत शुरू हुआ है, लेकिन इसका मतलब ये नही हो सकता स्वाधीनता के इस महोत्सव को अमृत महोत्सव को कम करके देखें. इसको गौरव से सभी को देखना चाहिए.

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सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकवाद से करने के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि जो लोग चुनाव में हिन्दू और हिंदुत्व दिखाते हैं उनके लिए अलग-अलग होगा ही. उनके लिए दिखाने का अलग है और अंदर रखने वाला अलग है, हमको तो पता ही है कि राहुल गांधी के लिए हिंदुत्व दो तरह का है. एक चुनाव में दिखाने वाला और एक अंदर से देश को नुकसान पहुंचाने वाला.

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राशिद अल्वी के बयान पर मनोज तिवारी ने कहा कि रावण के दल को कभी भी जय श्री राम का नारा अच्छा नहीं लगता था तो हमें ये चुनौती के रूप में लेना है. भारत में प्रवृत्ति लोग अपना रहे है जिसमें भारत की संस्कृति का, भारत की सभ्यताओ का, भारत के मान मर्यादाओ का, वो लोग विरोध करते हैं, लेकिन उनसे भारत रुकने वाला नहीं है. जो राम का या जय श्री राम का विरोध करते हैं, वो स्वयं ही देश में अलग-थलग हो जायेंगे.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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