UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के लिए मतदान 14 फरवरी यानी आज शुरू हो गया है. सेकंड फेज में यूपी के 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इन सीटों पर कुल 586 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें बरेली मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, बदायूं, सहारनपुर बिजनौर, अमरोहा और सम्भल जिला शामिल है. आइए एक नजर डालते हैं, दूसरे चरण की उस विधानसभा सीट के जातीय समीकरण पर जहां 2017 में सबसे ज्यादा वोट पड़े थे.
2017 में मीरगंज विधानसभा सीट पर पड़े सबसे ज्यादा वोट
मीरगंज विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आती है. यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक कुल 51.74 प्रतिशत वोट पड़े. उत्तर प्रदेश के बरेली की मीरगंज विधानसभा जनपद रामपुर के बॉर्डर पर है. इस विधानसभा सीट का गठन इमरजेंसी से पहले 1974 में कांवर के नाम से हुआ था. यह बरेली लोकसभा सीट का हिस्सा है. 1974 से 1991 तक यहां कांग्रेस का प्रतिनिधित्व रहा. 1991 के राम लहर में इस सीट पर भाजपा के सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने जीत हासिल की.
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दर्ज की जीत
1993 में सपा तो 1996 में एक बार फिर भाजपा ने यहां कब्जा जमाया. 2002 और 2007 के चुनाव में सपा के सुल्तान बेग ने यह सीट जीती. 2008 में कावर विधानसभा के विलय के बाद मीरगंज सीट बनी. 2012 में यहां से बसपा के टिकट पर एक बार फिर सुल्तान बेग ने जीत हासिल की. 2017 में यहां से भाजपा के डॉ. डीसी वर्मा ने बसपा के सुल्तान बेग को हराया था.
मीरगंज विधानसभा सीट पर कौन हैं प्रत्याशी
मीरगंज विधानसभा सीट पर विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने डॉ. डीसी वर्मा को मौदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी ने सुल्तान बेग को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, बसपा से भानु प्रताप सिंह और कांग्रेस के टिकट पर मो. इलियास अंसारी चुनावी मैदान में हैं.
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
किसान-लोध- 76 हाजर
मुस्लिम- 1.02 लाख
दलित- 49 हजार
कुर्मी- 42 हजार
मौर्य- 32 हजार
ब्राह्मण- 14 हजार
मीरगंज विधानसभा के मतदाता
कुल मतदाता- 3,36,060
पुरुष- 1,80,770
महिला- 1,55,282
थर्ड जेंडर- 8
मीरगंज सीट का सियासी इतिहास
2017- डॉ. डीसी वर्मा- भाजपा
2012 - सुल्तान बेग- बसपा
2007, 2002- सुल्तान बेग- सपा