Bareilly Meerganj Vidhan Sabha Chunav: उत्तर प्रदेश के बरेली में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण में बरेली की मीरगंज पर 62.80 प्रतिशत वोटिंग हुई है. पिछली बार 2017 में यहां 64.67 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. इस विधानसभा सीट का गठन इमरजेंसी से पहले 1974 में कांवर के नाम से हुआ था. यह बरेली लोकसभा सीट का हिस्सा है. 1974 से 1991 तक यहां कांग्रेस का प्रतिनिधित्व रहा. 1991 के राम लहर में इस सीट पर भाजपा के सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने जीत हासिल की.
1993 में सपा तो 1996 में एक बार फिर भाजपा ने यहां कब्जा जमाया. 2002 और 2007 के चुनाव में सपा के सुल्तान बेग ने यह सीट जीती. 2008 में कावर विधानसभा के विलय के बाद मीरगंज सीट बनी. 2012 में यहां से बसपा के टिकट पर एक बार फिर सुल्तान बेग ने जीत हासिल की. 2017 में यहां से भाजपा के डॉ. डीसी वर्मा ने बसपा के सुल्तान बेग को हराया था. इस सीट पर 14 फरवरी को मतदान है.
मीरगंज सीट का सियासी इतिहास
2017- डॉ. डीसी वर्मा- भाजपा
2012 - सुल्तान बेग- बसपा
2007, 2002- सुल्तान बेग- सपा
मीरगंज सीट के मौजूदा विधायक
डॉ. डीसी वर्मा पशु चिकित्सा अधिकारी रह चुके हैं. वो बसपा से पहला चुनाव लड़े थे. वो 2012 और 2017 में भाजपा से लड़े थे. पहली बार 2017 में चुनाव जीते थे.
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
किसान-लोध- 76 हाजर
मुस्लिम- 1.02 लाख
दलित- 49 हजार
कुर्मी- 42 हजार
मौर्य- 32 हजार
ब्राह्मण- 14 हजार
मीरगंज विधानसभा के मतदाता
कुल मतदाता- 3,36,060
पुरुष- 1,80,770
महिला- 1,55,282
थर्ड जेंडर- 8
मीरगंज सीट की जनता के मुद्दे
यहां बड़ा कोई उद्योग नहीं है.
रोजगार के साधन नहीं हैं.
साफ-सफाई का अभाव है.