UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही सूबे में दल-बदल की आंधी सी चली. कई मंत्री से लेकर विधायक तक पार्टियां बदलते दिखे। जिन्हें जहां अपना समीकरण सधता नजर आया, उसे राजनीतिक आशियाना बना लिया. कुछ को टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ी. किसी ने मनचाही सीट से सीट न मिलने के कारण पाला बदला. पूर्वांचल की राजनीति में ऐसा कुछ अधिक ही देखने को मिला है. छठे चरण में क्षेत्र के 10 जिलों में चुनाव होने हैं उससे पहले भाजपा को समाजवादी पार्टी ने एक झटका दिया है.
अंतिम और सातवें चरण के मतदान से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. प्रयागराज की भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी (BJP MP Rita Bahuguna Joshi) के बेटे मयंक जोशी (Mayank Joshi) ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आजमगढ़ में रैली के दौरान मंच से इस बात का ऐलान किया. इस घोषणा से पहले भी दोनों की बीच मुलाकात हो चुकी थी.
बताया जाता है कि रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए काफी कोशिशें की थीं, लेकिन वो नाकाम रही थीं. रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज से लोकसभा सांसद हैं और लखनऊ छावनी विधानसभा सीट से अपने बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश कर रही थीं। हालांकि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक को यहां से टिकट दे दिया. मयंक को जब भाजपा से टिकट नहीं मिला, तब से ही उनके नाराज होने की खबर थी और कहा जा रहा था कि वो समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं.
हालांकि तब रीता बहुगुणा ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि उनके बेटे के पार्टी छोड़ने की खबर सिर्फ अफवाह था. बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी 2012 में कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ छावनी से विधायक चुनी गईं थीं. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हराया था.