Manipur Election 2022: मणिपुर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करना कांग्रेस के लिए बेहद अहम है. यह सवाल इसलिए भी ज्यादा खास हो गया है क्योंकि, बीते 5 सालों में कांग्रेस के 13 विधायकों ने पार्टी से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. इससे बीजेपी का कुनबा बढ़ा भी है और मजबूत भी हुआ है. जबकि, कांग्रेस की ताकत कम हुई है.
जाहिर है कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद खास है. क्योंकि, कांग्रेस के लिए मणिपुर चुनाव आगे की राजनीति और सत्ता की दशा और दिशा तय करेगी. इसके अलावा अगले साल 2023 में पूर्वोत्तर के कई राज्यों में चुनाव होने हैं. ऐसे में मणिपुर में जीत हासिल करना पार्टी के लिए काफी अहम माना जा रहा है. मणिपुर चुनाव में हार जीत का असर 2023 में अन्य पूर्वोतर राज्यों में होने वाले चुनावों पर पड़ेगा.
मणिपुर में कांग्रेस की राह आसान नहीं है. बीते 5 साल में पिछले पांच साल में कांग्रेस के 13 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया है. ऐसे में कांग्रेस के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में फिर से परचम लहराना आसान नहीं है. जाहिर है कभी पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में 5 राज्य पर कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन धीरे धीरे पार्टी चुनाव हारती गई और कांग्रेस का दायरा सिमट गया. आज पूर्वोत्तर के किसी भी राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं हैं.
मणिपुर में फिलहाल बीजेपी की सरकार है. लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार प्रदेश में वो बाजी मारेगी. इससे पहले बीते ड़ेढ़ शताब्दी से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही है. बीते 2017 के चुनाव में वो सबसे बड़ी पार्टी बनी ती, लेकिन सरकार बनाने में सफल नहीं हो सकी. ऐसे में कांग्रेस इस चुनाव में सरकार बनाती है या नहीं आने वाले समय में साफ हो जाएगा,
Posted by: Pritish Sahay